छत्तीसगढ़

कई स्कूलों में 60% से अधिक छात्र फेल, अब लापरवाह प्राचार्यों और शिक्षकों पर गिरेगी गाज

15, May, 2025 | रायपुर। छत्तीसगढ़ बोर्ड परीक्षाओं के इस साल के नतीजे जहां राज्य स्तर पर थोड़े बेहतर नजर आए, वहीं कई जिलों और स्कूलों में छात्रों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है। खासकर रायपुर संभाग के कुछ स्कूलों में 60% से ज्यादा छात्र फेल हुए हैं। इस स्थिति से चिंतित राज्य सरकार अब सख्त रुख अपनाने की तैयारी में है। कमजोर नतीजों वाले स्कूलों के प्राचार्यों और शिक्षकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

रायपुर जिला प्रदर्शन में सबसे पीछे

रायपुर संभाग के अंतर्गत आने वाले पांच जिलों में रायपुर का प्रदर्शन सबसे खराब रहा। 10वीं कक्षा में यहां सिर्फ 66.24% छात्र पास हुए, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 71.64% था। 12वीं में भी गिरावट दर्ज की गई—इस बार 79.94% छात्र सफल हुए, जबकि बीते साल 83.19% थे। राज्य के 33 जिलों में रायपुर का स्थान 32वां रहा, जबकि जिले में न केवल संसाधनों की कमी नहीं है, बल्कि कुछ स्कूलों में तो शिक्षक अतिरिक्त संख्या में हैं।

अन्य जिलों का प्रदर्शन

  • धमतरी: 10वीं – 72.01%, 12वीं – 81.56%
  • गरियाबंद: 10वीं – 80.70%, 12वीं – 90.17%
  • बलौदाबाजार: 10वीं – 81.69%, 12वीं – 86.51%
  • महासमुंद: 10वीं – 78.33%, 12वीं – 84.08%

19 मई से जिलेवार समीक्षा, अफसर भी निशाने पर

रायपुर संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा राकेश कुमार पांडेय 19 मई से जिलों में जाकर परिणामों की समीक्षा करेंगे। समीक्षा बैठकें इस प्रकार होंगी:

  • 19 मई – रायपुर
  • 21 मई – धमतरी
  • 23 मई – गरियाबंद
  • 28 मई – बलौदाबाजार
  • 30 मई – महासमुंद

इन बैठकों में जिला शिक्षा अधिकारी और संबंधित स्कूलों के प्राचार्य भी उपस्थित रहेंगे।

प्रत्येक विषय पर होगी समीक्षा, कार्रवाई के संकेत

राकेश पांडेय ने बताया कि न सिर्फ कक्षा 10वीं और 12वीं, बल्कि हर स्कूल के विषयवार प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी। सभी स्कूलों से विषयवार परिणाम मंगाए गए हैं। समीक्षा के बाद जिन स्कूलों के परिणाम लगातार खराब रहे हैं, वहां के प्राचार्य और शिक्षकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।

मुख्यमंत्री ने जताई सख्ती, पहले ही हट चुके हैं अधिकारी

महासमुंद जिले के शिक्षा अधिकारी को पहले ही नतीजों की समीक्षा के बाद हटाया जा चुका है। अब अन्य जिलों के अधिकारी और स्कूल प्रशासन भी सरकार के रडार पर हैं।

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