छत्तीसगढ़

Congress Protest: डीईओ कार्यालय घेराव के दौरान पुलिस से भिड़े कांग्रेस कार्यकर्ता, धक्का-मुक्की में कई घायल, पूर्व मंत्री मोहन मरकाम जमीन पर गिरे

Congress Protest: शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के विरोध में कोंडागांव में कांग्रेस का जोरदार प्रदर्शन हुआ, जिसने देखते ही देखते उग्र रूप ले...

कोंडागांव। Congress Protest: शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के विरोध में कोंडागांव में कांग्रेस का जोरदार प्रदर्शन हुआ, जिसने देखते ही देखते उग्र रूप ले लिया। जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) कार्यालय का घेराव करने पहुंचे कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ जमकर धक्का-मुक्की हुई। इस झड़प में एक पुलिसकर्मी और पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष घायल हो गए। वहीं, पूर्व मंत्री मोहन मरकाम प्रदर्शन के दौरान अचानक जमीन पर गिर पड़े, जिन्हें कार्यकर्ताओं ने उठाकर संभाला।

पूजा के बाद रैली, फिर संघर्ष

प्रदर्शन की शुरुआत पंचमुखी हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ हुई। इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने ‘शिक्षा न्याय यात्रा’ के नाम से एक विशाल रैली निकाली। रैली शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए डीईओ कार्यालय की ओर बढ़ रही थी, लेकिन बीच रास्ते में ही पुलिस ने बैरिकेड लगाकर उन्हें रोक दिया। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच पहले तीखी बहस हुई और फिर स्थिति धक्का-मुक्की तक पहुंच गई।

घायल हुए पुलिसकर्मी और नेता

पुलिस ने कांग्रेसियों को रोकने के लिए दो बैरिकेड्स और भारी संख्या में बल तैनात किए थे। लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता जबरन बैरिकेड लांघने की कोशिश करने लगे, जिसके बाद दोनों पक्षों में हाथापाई शुरू हो गई। इस झड़प में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष भी धक्का-मुक्की में चोटिल हो गईं। सबसे चिंताजनक पल तब आया जब पूर्व मंत्री मोहन मरकाम गिर पड़े, हालांकि उन्हें कार्यकर्ताओं ने तुरंत उठाया और संभाला।

सड़क पर बैठकर किया विरोध

जब पुलिस ने कांग्रेसियों को डीईओ कार्यालय तक पहुंचने नहीं दिया, तो उन्होंने सड़क पर ही बैठकर धरना शुरू कर दिया। कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को अन्यायपूर्ण बताया।

मरकाम ने गिनाईं शिक्षक विरोधी नीतियाँ

प्रदर्शन में शामिल पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि

“शिक्षकों से पढ़ाई के अलावा जनगणना, मतदाता सूची अपडेट, योजनाओं के सर्वे जैसे गैर-शैक्षणिक कार्य करवाए जा रहे हैं, जिससे उनका मुख्य कार्य यानी बच्चों को पढ़ाना प्रभावित हो रहा है। वहीं युक्तियुक्तकरण के नाम पर शिक्षकों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जा रहा है, जिससे बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हो रही है और शिक्षकों की मानसिक स्थिति पर भी असर पड़ रहा है।”

कांग्रेस ने रखीं ये मांगें

प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं ने राज्य सरकार से तीन प्रमुख मांगें रखीं:

  1. युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जाए।

  2. राज्य के सभी रिक्त शिक्षक पदों पर सीधी भर्ती शुरू की जाए।

  3. शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों से मुक्त किया जाए।

कोंडागांव में हुआ यह प्रदर्शन राज्य में शिक्षा व्यवस्था को लेकर बढ़ते असंतोष की एक बानगी है। पुलिस के साथ टकराव और नेताओं की चोटिल होने की खबरें यह दर्शाती हैं कि युक्तियुक्तकरण जैसे मुद्दे अब सियासी तूल पकड़ते जा रहे हैं। आने वाले दिनों में कांग्रेस इस आंदोलन को और तेज़ कर सकती है।

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