छत्तीसगढ़

कोरबा उपजेल की घटना को भाजपा ने बताया हत्या

रायपुर। राज्य में अभिरक्षा में मौत बढऩा चिंता का विषय है इस मुद्दे को भी विधानसभा में उठाएंगे। भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, विधायक सौरभ सिंह और सच्चिदानंद उपासने ने बुधवार को भाजपा कार्यालय में पत्रवार्ता में कटघोरा उपजेल में बंदी की मौत को पर आरोप लगाया कि बंदी की मृत्यु पिटाई से हुई है। पीडि़त परिवार को आर्थिक सहायता भी दे।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सवाल उठाया कि दो बंदी जो चोरी के प्रकरण में जेल में थे। जेल ब्रेक की कोशिश की और दोनो पकड़े गए । उसके बाद उपचार के लिए जेल में रखा गया । एक बंदी को डॉक्टरों ने स्वस्थ बताया और एक के पैर में फैक्चर होने पर उपचार की बात कही। वहीं पर 9 घंटे बाद एक बंदी की मृत्यु यह संदेह को जन्म देता है।
उन्होंने साफ कहा कि अभिरक्षा में मौत लगातार बढ़ रही है, हमें तो लगता है कि बंदियों के जेल ब्रेक से उद्ववेलित अफसरों ने उनकी पिटाई कर दी, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच हो और पीडि़त पक्षकारों को उचित मुआवजा भी मिले।
धरमलाल कौशिक ने बताया कि इस घटना को लेकर एक चार सदस्यीय दल में पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर, बंशीलाल महतो, लखनलाल देवांगन एवं अशोक चौलानी की टीम को घटना की जांच करने के लिए भेजा गया था और उसमें बंदी की मौत संदिग्ध नजर आ रही है और इसके लिए जेल प्रशासन भी दोषी है।
कोरबा जिले की कटघोरा उपजेल की घटना है। 13 जुलाई शनिवार को देर शाम 6.30 बजे चोरी के मामले में निरुद्ध चौकी रमेश कुमार, अशोक कुमार, ने जेल प्रशासन के अनुसार जेल कि 25 फीट ऊंची दिवार को फांदने का प्रयास करते हैं। कैसे कोई जवाब नहीं बगल के बैरक से कूदकर बैरक और दिवार की दूरी 30 फुट है। जेल प्रशासन को कैसे पता चला? फोन काल में नहीं मिले तब दूसरा भागने के प्रयास करते जेल प्रहरियों ने पकड़ा कहां और कैसे और किस हालात में इसका कोई जवाब नहीं है। 13 जुलाई शाम को दो ने कैदियों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कटघोरा जेल प्रशासन द्वारा जे जाए जाता है। जहां अशोक का पैर फैक्चर पाया गया और जिला अस्पताल कोरबा रिफर किया जाता है।
दूसरी तरफ रमेश को सामान्य हालत बताकर जेले वापस किया जाता है। 14 जुलाई रात/सुबह में 3.30 को जेल प्रशासन रमेश को वापस सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कटघोरा लाया जाता है। वहां पर संदिग्ध हालात में रमेश कुमार की मौत हो गई थी। 9 घंटे में अचानक मौत होती है, मृतक स्वस्थ इसलिए जेल भेजा गया। जेल में प्रताडऩा के कारण मौत हुई है। पोस्ट मार्टम रिपोर्ट नहीं आई है। मृतक के परिवार को शासन द्वारा कोई सहायता नहीं दी गई है। जेल विभाग के कोई अधिकारी, कर्मचारी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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