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CG COAL SCAM | 570 करोड़ के कोल घोटाले में CBI एंट्री !

 

रायपुर, 14 जुलाई 2025। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 570 करोड़ रुपये के कोल लेवी मनी लॉन्ड्रिंग घोटाले की जांच अब CBI के हवाले कर दी गई है। दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम (DSPE Act) की धारा-6 के तहत राज्य सरकार ने CBI जांच को विधिवत मंजूरी दे दी है। यह फैसला राज्य सरकार के गृह विभाग की फ़ाइल (क्रमांक F No. 4-10/Home-C/) के जरिए लिया गया है, जिसे पुलिस मुख्यालय के सीआईडी लीगल सेक्शन ने सभी जिलों के एसपी और रेंज IG को सूचित कर जांच में सहयोग के निर्देश दिए हैं।

सूर्यकांत तिवारी मास्टरमाइंड, नवनीत तिवारी गिरफ्तार –

इस घोटाले का मास्टरमाइंड रायपुर का कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को बताया जा रहा है, जिसने वर्ष 2020 से 2022 के बीच अफसरों, ट्रांसपोर्टरों और दलालों की मिलीभगत से हर टन कोयले पर 25 रुपए की अवैध वसूली कर लगभग 570 करोड़ की ब्लैक मनी इकट्ठा की।

सूर्यकांत पहले से ही न्यायिक हिरासत में है और कल ही उसका भाई नवनीत तिवारी गिरफ्तार किया गया है, जो इस घोटाले में फरार था।

निष्पक्ष जांच की मांग पर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी सक्रिय –

इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) पहले ही 14 अगस्त 2023 को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुका था, जिसमें CBI जांच की मांग की गई थी। ईडी का आरोप था कि उन्होंने पीएमएलए की धारा 66 के तहत राज्य सरकार को दस्तावेज सौंपे थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। ईडी ने यह भी आरोप लगाया था कि राज्य का आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW/ACB) पूरी तरह राज्य सरकार के नियंत्रण में है, जिससे निष्पक्ष जांच पर संदेह उत्पन्न होता है।

इन 3 अफसरों को मिली थी सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत –

आईएएस समीर विश्नोई

आईएएस रानू साहू

तत्कालीन उप सचिव सौम्या चौरसिया

सुप्रीम कोर्ट ने मई 2025 में इन्हें सशर्त जमानत दी थी, जिसमें यह भी कहा गया था कि ये अधिकारी छत्तीसगढ़ में नहीं रहेंगे और अन्य राज्यों में हाजिरी लगाएंगे।

अब आगे क्या?

CBI अब इस पूरे मामले की तह तक जाएगी। गृह विभाग और पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि CBI को दस्तावेज तत्काल सौंपे जाएं और पूरा सहयोग किया जाए। यह देखना दिलचस्प होगा कि CBI की जांच में कौन-कौन नाम सामने आते हैं और सत्ता के गलियारों में और कितनी हलचल मचती है।

 

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