रिकवरी टीम के दौड़ाने से किसान ने दे दी जान , 2.5 लाख का था कर्ज
खेरागढ़ के गांव सरेंधी में रविवार सुबह एक किसान ने कर्ज के चलते आत्महत्या कर ली। किसान पर 2.5 लाख रुपये का सरकारी कर्ज था। वह कर्ज चुकाने में असमर्थ था। आरोप है कि पिछले दिनों तहसील रिकवरी टीम ने उसे पकड़ने का प्रयास किया था। उसने दौड़कर अपने को बचाया था। इस घटना के बाद से वह तनाव में चल रहा था।
सुबह करीब आठ बजे सरेंधी निवासी 40 वर्षीय शिवराम का शव तालाब के पास पेड़ पर लटका मिला। ग्रामीणों ने उसे पहचाना। परिजनों को इसकी जानकारी दी। परिजन मौके पर पहुंच गए। कोहराम मच गया। शव नीचे उतारा गया मगर तब तक देर हो चुकी थी।
बड़े भाई केशव ने बताया कि करीब 6 साल पहले शिवराम ने बैंक से खेती के लिए 1.5 लाख रुपये का लोन लिया था। खेती चौपट हो गई थी। उसने दूसरे साल ब्याज पर पैसा लेकर फिर खेती की। उस साल भी फसल अच्छी नहीं हुई। वह दोतरफा कर्ज से घिर गया। घर में दो वक्त की रोटी का संकट खड़ा हो गया। शिवराम जी तोड़ मेहनत करके सिर पर चढ़े कर्ज को उतारना चाहता था। किस्मत ने उसका साथ नहीं दिया। इस साल बरसात ने फसल खराब कर दी। दूसरी तरफ बैंक का ब्याज बढ़ता चला गया। रकम 2.5 लाख रुपये हो गई।
तहसील की रिकवरी टीम कई दिनों से शिवराम की तलाश में थी। पिछले दिनों उसे पकड़ने का प्रयास किया था। उसने जैसे-तैसे अपने आप को बचाया था। उस घटना के बाद वह घर में भी डरते हुए आता था। उसे यही लगता था कि टीम आएगी और उसे पकड़कर ले जाएगी। रविवार की सुबह पांच बजे शिवराम पटपड़गंज में तालाब पर मछली पकड़ने के लिए गया था। जहां उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
शिवराम की पत्नी ममता की दो दिन से तबियत खराब है। शनिवार को बड़े भाई केशव सिंह ने ममता को लेकर एसआर हास्पिटल (आगरा) में भर्ती कराया था। उसको सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। रविवार सुबह केशव के पास फोन आया कि शिवराम का शव पेड़ से लटका मिला है। सूचना पर वह मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस ने बताया कि परिजनों ने इस संबंध में फिलहाल कोई तहरीर नहीं दी है।