डॉ. रमन सिंह 7 दिसंबर 2003 को भारत के सबसे नए राज्यों में से एक छत्तीसगढ़ के दूसरे मुख्यमंत्री बने और उन्हें 12 दिसंबर 2008 को अपने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ दिलाई गई। इससे पहले ये भाजपा सरकार में केंद्रीय मंत्री के रूप में भी कार्यरत रहे।
वह भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं और 2008 में राज्य के विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया। 90 सदस्यीय सदन में भाजपा ने 50 सीटें जीतीं।
इन्होंने अपनी साफ व बेदाग छवि का इस्तेमाल राज्य में कुछ सुधार करने जैसे भ्रष्टाचार को कम करने, राजकोषीय नीति का प्रबंधन करने और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कल्याणकारी कार्यक्रमों को लागू करने के लिए किया। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में नक्सलवादियों का मुकाबला करने के लिए वर्ष 2006 में सलवा जुडूम (कांग्रेस के विपक्षी महेंद्र कर्ण के नेता द्वारा आयोजित एक मिलिशिया) को वित्त पोषित किया था। हालांकि, 2011 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री ने इस संगठन पर रोक लगा दी।
खनिज और प्राकृतिक संसाधन, समृद्ध राज्यों के उद्योग निवेश के लिए सहायक बन गए हैं और अब ये राज्य औद्योगिक गतिविधियों के साथ गुलजार हो रहे हैं। 2006 में यह केंद्र सरकार के उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आईईएम (औद्योगिक उद्यमिता ज्ञापन) में सबसे ऊपर था। इसने 2006 में 1,07,899 करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित किया।
इन्होंने छत्तीसगढ़ इन्फोटेक और बायोटेक सोसायटी अंतर-बैंक समासोधन गृह भुगतान प्रणाली (चीप्स) की अध्यक्षता की है, जो राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी के प्रमुख प्रस्तावकारी के रूप में स्थापित है। राज्य में ई-गवर्नेंस ने राज्य की सभी नागरिक सेवाओं की पेशकश की, जिसे (नागरिक को अधिकार-प्रदान करने के लिए छत्तीसगढ़ ऑन-लाइन सूचना) विकल्प के तहत एक परियोजना के रूप में विकसित किया गया था। अपने नागरिकों की उन्नति के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए राज्य को 2007 में यूएनडीपी (संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम) का पुरस्कार मिला।
पृष्ठभूमि
इनका जन्म 15 अक्टूबर 1952 को कवर्धा छत्तीसगढ़ में एक कृषक परिवार में हुआ था। वह एक आयुर्वेद के डॉक्टर हैं और उन्होंने बी.ए.एम.एस (बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसीन) की उपाधि हासिल की है। वह अपने स्कूल के दिनों के दौरान भारतीय जनसंघ में शामिल हुए।
इन्होंने श्रीमती वीणा सिंह से विवाह किया और इनके दो बच्चे हैं, बेटा अभिषेक सिंह और बेटी अस्मिता सिंह।
राजनीतिक कैरियर
1990 में वह मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए निर्वाचित किए गए और 1993 में पुनः निर्वाचित हुए।
1999 में वे राजनांद गांव निर्वाचन क्षेत्र से 13वीं लोकसभा के लिए चुने गये और प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा मंत्रिमंडल में शामिल हुए। इन्होंने राज्य के केंद्रीय मंत्री के रूप में वाणिज्य और उद्योग के लिए 1999 से 2003 तक कार्य किया।
नवंबर 2000 में, लोगों की लोक-सम्मत माँग के कारण, मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ का निर्माण किया गया था, जो भारत का 26 वां राज्य बना। भाजपा ने डॉ. रमन सिंह को छत्तीसगढ़ में पार्टी के नेता के रूप में नामित किया और उन्होंने 2003 में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया।
2004 में वह छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य चुने गए थे। उन्होंने 2008 में राजनांद गांव से विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उनकी लोक सुधार और भ्रष्टाचार विरोधी छवि ने 2008 में अपनी पार्टी को जीतने में मदद की और उन्होंने 12 दिसंबर, 2008 को फिर से मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की।
source : www.mapsofindia.com