छत्तीसगढ़

डीएमएफ को लेकर सरकार की ये नीति सामने आई

रायपुर। छत्तीसगढ़ में जिल खनिज न्यास डीएमएफ को लेकर कांग्रेस सरकार का नया रुख सामने आने से पहले पूर्ववर्ती राजय सरकार द्वारा इस मद से
60 प्रतिशत भौतिक संरचना के काम करवाने की व्यवस्था रखी गई थी यानी जितने भी काम केे लिए राशि स्वीकृत हो रही थी, उसका आधे से अधिक हिस्सा, भवन, गार्डन सहित अन्य निर्माण कार्यों के लिए किए जाने की व्यवस्था थी, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इसे डीएमएफ का दुरुपयोग और एक तरह से लूट माना है।
सरकार ने साफ किया है कि डीएमएफ से केवल वही काम किए जाएंगे, जिनका लाभ सीधे खनन प्रभावित लोगों को मिले। डीएमएफ की राशि के दुरुपयोग का आरोप कांग्रेस पूर्व में भी लगाती रही है। अब सरकार में आने के बाद डीएमएफ को लेकर सरकार की ये नीति सामने आई है कि किसी भी रूप में इस मद की राशि का दुरुपयोग नहीं किया जाएगा।
कुछ समय पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर में कलेक्टर कांफ्रेंस की थी। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से सवाल किया था कि उन्होंने डीएमएफ से कोई ऐसा काम करवाया हो, जिससे खनन प्रभावितों को सीधा लाभ मिला हो, तो बताएं। उनके इस सवाल के बीच अफसरों के बीच सन्नाटा पसर गया था। बाद में इस मामले को लेकर
मुख्मयंत्री ने ​​विधानसभा में जो वक्तव्य दिया, उसमें इस मामले को लेकर रुख साफ हुआ है। इसके बाद से डीएमएफ से जुड़े मामलों को लेकर प्रशासन के अधिकारी भी सतर्क हो गए हैं। माना जा रहा है कि अब आने वाले समय में इस मद से होने वाले कार्यों के स्वरूप में भारी बदलाव आएगा या पिछली सरकार में जिस प्रकार के काम चल रहे थे, वे पूरी तरह बंद हो जाएंगे।
इन योजनाओं का क्या होगा
पूर्ववर्ती सरकार ने डीएमएफ फंड से प्रदेश के सभी जिलों में रायपुर के केंद्रीय पुस्तकालय की तरह ही केंद्रीय पुरस्तकालय बनाने की योजना पर काम शुरू किया था। इसी तरह सरकार ने खदान प्रभावित ग्रामों में महिलाओं को उज्जवल योजना के तहत शत प्रतिशत रसोई गैस, चूल्हा तथा पहला सिलेंडर भरा हुआ देने की योजना चला रखी थी।
इसी तरह पूर्व सरकार ने यह भी तय किया था कि राज्य में संचालित अन्य योजनाओं के लिए जिला खनिज न्यास निधि का अभिसरण करते हुए बड़े व वृहद कार्य किए जाएंगे। जिले में वृहद ​परियोजनाओं के लिए वित्तीय राशि के लिए बैंकों तथा वित्तीय संस्थाओें से लोन लेकर विकास कार्य करवाए जाने के लिए ईएमआई का भुगतान न्यास निधि से करने के लिए नियमों में प्रावधान प्रस्तावित किया था। अब माना जा रहा है कि ये सारे काम कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में नहीं हो पाएंगे।
समीक्षा की जाएगी-दीवान
ऐसे सभी स्वीकृत कार्य जो प्रारंभ नहीं हुए तथा भौतिक सरंचना संबंधी है, उन सारे कार्यो की समीक्षा की जाएगी। समीक्षा के बाद ही अनुमति परविार किया जाएगा। प्रदेश में डीएमएफ की ग​वर्निंग बॉडी भंग हो गई। ऐसे में नए कार्य स्वीकृत करने का प्रश्न ही नहीं है। अब कोई भी काम शुरू करने के आदेश देने पहले समीक्षा की जाएगी।
-अनुराग दीवान, संयुक्त संचालक, डीजीएम खनिज विभाग
60 फीसदी भौतिक संरचना के काम की थी मंजूरी
पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में डीएमएफ मद से सरकारी भवन गार्डन, अफसरों के लिए लिफ्ट लगाने जैसे कई काम किए जा रहे थे। इन सारे कार्यों को भौतिक संरचना वाले काम की श्रेणी में रखा जाता है।
इस तरह के काम डीएमएफ से करवाने के पीछे वजह ये थी कि खुद सरकार ने तय किया था कि भौतिक संरचना के काम 60 फीसदी तथा अभौतिक संरचना के सभी पकूर्व स्वीकृत, लेकिन अप्रारंभ कार्यों की समीक्षा की जाएगाी। इसके बाद ही अनुमति दी जा सकेगी, जबकि अभौतिक संरचना के काम पहले की तरह हो सकेंगे।

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