रायपुर। लंबा समय लगाने के बाद भाजपा ने एकमात्र बची हुई रायपुर उत्तर सीट के लिए अंततः आज शाम श्रीचंद सुंदरानी को प्रत्याशित घोषित कर दिया। कुछ घंटों के बाद जब रायपुर उत्तर से कांग्रेस प्रत्याशी की भी घोषणा हो जाएगी तो साफ हो जाएगा कि मुकाबला किस स्तर पर होगा।
उल्लेखनीय है कि रायपुर उत्तर सीट से 2013 का चुनाव श्रीचंद सुंदरानी ही जीते थे। अगस्त-सितंबर महीने से यह चर्चा जगह-जगह होने लगी थी कि सुंदरानी की टिकट खतरे में है। जैसे-जैसे चुनाव का समय नजदीक आने लगा पार्टी के सर्वे रिपोर्ट में सुंदरानी कमजोर हैं, ऐसा हवाला दिया जाने लगा। रायपुर दक्षिण बृजमोहन अग्रवाल एवं रायपुर पश्चिम राजेश मूणत की तयशुदा सीट रही है। इसके बाद संजय श्रीवास्तव, सुनील सोनी एवं केदारनाथ गुप्ता जैसे वजनदार कद के नेताओं के समक्ष टिकट के लिए दो ही विकल्प रायपुर उत्तर एवं ग्रामीण सीट थी। रायपुर ग्रामीण सीट का मामला इतना पेचीदा रहा है उस तरफ कोई भी बड़ा नेता जाना नहीं चाहता था। उपरोक्त तीनों नेताओं के समक्ष रायपुर उत्तर सीट ही दावे के लिए विकल्प के रूप में सामने थी। तीनों ही नेताओं के लिए उच्च स्तर की सिफारिशें चलीं। यही कारण है कि उत्तर सीट को लेकर खूब माथा-पच्ची हुई। अंतिम समय में श्रीचंद के लिए शदाणी दरबार के संत युधिष्ठिर लाल समेत कुछ अन्य प्रतिष्ठित हस्तियों की सिफारिशें काम कर गईं। शाम को श्रीचंद की टिकट पक्की होते ही सिंधी समाज के एक तबके में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। श्रीचंद के लिए कांग्रेस से मुकाबला पिछले चुनाव में कठिन था और इस बार भी कठिन रहेगा। रायपुर उत्तर कॉलोनियों वाली सीट मानी जाती है। यहां शिक्षित एवं उच्च पदों पर कार्यरत मतदाताओं का प्रतिशत ज्यादा है। रायपुर उत्तर के मतदाताओं के मन की थाह आसानी से नहीं मिलती। बहरहाल रायपुर पश्चिम एवं ग्रामीण की तरह रायपुर उत्तर का मुकाबला भी देखने लायक रहेगा।