मप्र के व्यापमं से भी बड़ा छग का चिटफंड घोटाला- सुरजेवाला
रायपुर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पिछले नौ वर्षों में 161 से अधिक चिटफंड कंपनियों ने बीस लाख निवेशक परिवारों से ठगी की। सदमे में 57 लोगों की जानें चली गईं। 300 से अधिक एफआईआर होने के बावजूद एक व्यक्ति को भी फूटी कौड़ी वापस नहीं मिली। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार आती है तो न सिर्फ दोषी लोग जेल में होंगे, ठगी के शिकार लोगों को पैसा भी वापस दिलवाया जाएगा। कांग्रेस को शक है चिटफंड कंपनियों के माध्यम से भाजपा की इस चुनाव में फंडिंग हो रही होगी।
सुरजेवाला ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्रीगण एवं अफसर लोग रोजगार मेलों के माध्यम से चिटफंड कंपनियों के कार्यक्रम में शामिल हुआ करते थे। अनमोल इंडिया एग्रो फार्मिंग एवं अनमोल बचपन स्कूल ऐसी संस्थाएं रही हैं जिनसे सरकार चलाने वाले लोग सीधे तौर पर जुड़े थे। बाद में इन दोनों संस्थाओं में ताला लग गया। इसी प्रकार सरकार चलाने वाले एक बड़े शख्स की पत्नी ने याल्को कैरियर बिल्डिंग नामक कंपनी का शिलान्यास किया। यहां भी फर्जीवाड़ा था। प्रदेश सरकार के एक मंत्री ने सनशाइन/बीपीएन कंपनी के कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था। इस कंपनी ने आम जनता का हजारों करोड़ डकार लिया। एसईबीआई व केंद्र सरकार व्दारा 2009 से 2014 के बीच व उसके बाद चिटफंड कंपनियों पर पाबंदी लगाई गई थी, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार के संरक्षण में चिटफंड कंपनियां बे रोकटोक चलती रहीं।
सूरजेवाला ने कहा कि इस चुनाव में हम जनता के बीच सवाल लेकर आए हैं- चिटफंड कंपनियां 9 साल तक लूट-खसोट करती रहीं, छत्तीसगढ़ की सरकार क्यों सोई रही। 161 से अधिक चिटफंड कंपनियों का फर्जीवाड़ा करने की मंशा से जो रोजगार मेले का आयोजन हुआ सरकार उसकी मेजबान क्यों बनी। क्या कारण है 9 वर्षों में 161 चिटफंड कंपनियों पर 310 एफआईआर दर्ज होने के बावजूद जनता से जो पैसा लूटा गया वह उन्हें वापस नहीं मिला।
चौधरी क्रूर आचरण
वाले उम्मीदवार
सूरजेवाला ने कहा कि खरसिया विधानसभा क्षेत्र के भाजपा उम्मीदवार ओ.पी. चौधरी का मतदाताओं को धमकाने वाला जो वीडियो वॉयरल हुआ वह सवाल खड़े करता है। पता नहीं भाजपा ने कैसे क्रूर आचरण वाले व्यक्ति को उम्मीदवार बना दिया। उसे झोली फैलाकर वोट मांगना था उल्टे जनता को धमका रहा है। जनता ऐसे उम्मीदवार को ऐसा सबक सिखाए कि दोबारा इस तरह की बात कहने का वह दुस्साहस ना करे।