रायपुर। सूप्रीम कोर्ट के जाने-माने अधिवक्ता एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इस देश में अच्छे दिन जरूर आए लेकिन आम जनता के नहीं, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह के आए।
आज राजीव भवन में मीडिया से बातचीत करते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, उनकी पत्नी, पुत्र जय शाह एवं पुत्र वधु एक कंपनी टेंपल इंटरप्राइजेस के तीन वर्षों तक शेयर होल्डर रहे। इन तीन वर्षों में इनकी कंपनी के शेयर में 16 हजार प्रतिशत तक की वृद्धि हुई। चौथे वर्ष में नुकसान दिखाकर कंपनी बंद करने की नौबत आ गई। लेकिन पहले तीन वर्षों में 16 हजार प्रतिशत की वृद्धि अपने आप में अजूबा है। उस कंपनी को एक भी नोटिस जारी नहीं हुई। इस कंपनी में 51 करोड़ विदेश से आए। क्यों आए और कैसे आए ये जांच का विषय है। यदि यही राशि किसी साधारण व्यक्ति की कंपनी में आ जाती तो ईडी, सीबीआई एवं इंकमटैक्स विभाग वाले उसका जीना दूभर कर देते। ऐसा क्या कारण था कि जय शाह की कंपनी टेंपल इंटप्राइजेस प्राइवेट लिमिटेड को केआईएसएफ फाइनेंशियल सर्विसेस व्दारा 15.78 करोड़ का अनसिक्योर्ड लोन दिया गया। इसके अलावा जय शाह की कुसुम फिनसर्व प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक और कंपनी रही है, जिसे साढ़े छह करोड़ की सिक्योरिटी पर 25 करोड़ का लोन दे दिया गया। 2014 में केन्द्र में मोदी सरकार के आसीन होने के बाद कुसुम फिनसर्व कंपनी ने 2016 में पवन चक्की व्दारा 2.1 मेगावाट बिजली उत्पादन प्लांट मध्यप्रदेश के रतलाम में लगाने का निर्णय लिया। बिजली मंत्रालय के रिन्यूएबल एनर्जी के तहत मिनी रत्न संस्था व्दारा 10.35 करोड़ का ऋण भी जय शाह की कंपनी को दे दिया गया। देश यह भी जानना चाहता है कि रतलाम में लगाए जाने वाले पवन ऊर्जा प्लांट की मौके पर वस्तुस्थिति क्या है। क्या केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल बताएंगे उनके मंत्रालय व्दारा बगैर तजुर्बे वाली और कितनी कंपनियों को इस तरह सस्ते ऋण की सहायता दी गई।
सिंघवी ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य जब अस्तित्व में आया यहां गरीबी रेखा से नीचे वालों की संख्या 37 प्रतिशत थी जो अब बढ़कर 42 प्रतिशत पर पहुंच गई है। ये हम नहीं कहते, केन्द्र सरकार की रिपोर्ट कहती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि छत्तीसगढ़ के 1.3 करोड़ लोगों को जन धन योजना का लाभ मिला। प्रदेश की जनसंख्या 2.6 करोड़ है। इसका मतलब यह हुआ कि छत्तीसगढ़ में 50 प्रतिशत लोग गरीब हैं। एक तरफ देश में गरीबी और बेरोजगारी का आलम है, वहीं मोदी सरकार बुलेट ट्रेन चलाने की बात कर रही है। ये कहां का न्याय है।
अयोध्या में राम मंदिर वाले मसले को लेकर सवाल किए जाने पर सिंघवी ने कहा कि चुनाव के समय भाजपा को यह मुद्दा जरूर याद आता है। संघ मंथरा है तो भाजपा कैकेयी। ये पहले राम मंदिर का मुद्दा उछालते हैं फिर उसे वनवास दे दे देते हैं। राम मंदिर का मुद्दा इनके लिए राजनीति से ज्यादा कुछ नहीं। भाजपा व संघ के जो लोग राम मंदिर के जल्द निर्माण के पक्षधर नजर आते हैं दरअसल वही लोग मन से इसमें विलंब चाहते हैं। यह मुद्दा मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने से पहले का है। अब तक वे इस पर क्या किए।