बखरी के तुमानार —— मोर संग चलव रे : लक्ष्मण मस्तुरिया विशेष
बखरी के तुमानार —— मोर संग चलव रे ——
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सम्भव है कि ज्यादातर जनंसख्या इन गानों से परिचित होगी या कभी कानो से बहकर निकल गयी होगी पर ,,,यह भी सम्भव है कि आपने कभी ऐसे गीतों को महसूस भी नही किया होगा या इनके शब्दों पर गौर नही किया होगा …….
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इस मुद्दे पर लिखने का कारण है कि कुछ दिनों पहले इन दोनों और ऐसे ही कई गीतों के गायक “लक्ष्मण मस्तुरिया ‘ का देहांत हो गया ,,इस बड़ी घटना को media के सभी स्वरूपों द्वारा नजरअंदाज कर दिया गया चूंकि ज्यादातर लोग किसी भी घटना को खबर के रूप में जानने के लिए media पर निर्भर रहते है मुझे शायद ही याद है कि कोई पत्रकार उनके घर गया होगा या राज्य/केंद्र सरकार ने कुछ सहायता प्रदान की होगी या हम जैसे कई लोगो ने कार्यक्रम वगेरह करके भावनतात्मक विदाई दी होगी जिस वजह से हमारे बीच एक ”छत्तीसगढ़िया गायक ” विदा भी हो गया और राज्य के “छत्तीसगढ़या लोगो ने “” कोई बड़ी बात नही बनी ,,,
कभी सोचोगे तो आप पाएंगे कि राजनीति में छोटे या कम उपलब्धि वाला काम करके लोग उसे ‘युवा नेता , हृदय सम्राट , महामंत्री , शहर की धड़कन ” जैसी उपाधि देकर अतिशयोक्ति बना देते है क्योंकि राजनीति आपको पैसा/सत्ता देती है या पैसा/सत्ता कमाने का अवसर देती है जिसके लिए ज्यादातर लोग चापलूस , अनैतिक ,भ्र्ष्टाचार जैसी चीजो को राजनीति का अनिवार्य हिस्सा मानकर अपनी आदत में शामिल कर लेते है और सत्ता का आकर्षण सबको अपनी ओर खींच लेता है ,,,साथ ही एक कलाकार आपके दिल को सुकून देता है आपसे भावनतात्मक रूप से जुड़ता है आपके त्यौहारों , संस्कृति को जीवित रखता है पर ये भावनाएं सत्ता के आगोश दब जाती है और एक कलाकार नजरअंदाज कर दिया जाता है क्योंकि सूचनाओं के प्रसारण पर’ सत्ता ‘ का जबरदस्त नियंत्रण होता है यकीन नही आता तो देखिए —आपके क्षेत्र में कोई सामान्य नेता भी आता है या कोई कार्यक्रम करता है या उदघाटन करता है तो अखबार के पन्ने विज्ञापन से भर जाते है ,फ्लेक्स लग जाते है और आप एक news paper /क्षेत्र बता दीजिए जिसमे ‘ मस्तुरिया ‘ जी के लिए ऐसा कुछ हुआ हो —–
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. क्योंकि मस्तुरिया जी कितना बढ़िया गायक हो आपको युवा नेता , हृदय सम्राट ,महामंत्री बनाने में कभी कोई योगदान नही देंगे , ना ही कोई योजना का लाभ दिला पाएंगे , न किसी तरह का आर्थिक-सामाजिक मदद , पर एक आपके क्षेत्र का राजनीति में बैठा सत्ताधारी व्यक्ति आपकी निजी life को आबाद व बर्बाद दोनों कर सकता है और यही मनोविज्ञान ‘राजनीति के छोटे योगदान को महान बना देती है साथ ही समाज के असली सरंचना करने वाले ‘ मस्तुरिया जी ‘ जैसे लोग दुनिया से आएंगे और अपने हिस्से का योगदान देकर चले जायंगे ……..आप हम जैसे लोग की राजनेता , अभिनेता , खिलाड़ी या बड़बोले लोगो के भक्ति या चापलूसी में ऐसे घटनाओं ( क्षति ) को भी नजरअंदाज कर देंते है |
Credit – प्रकाश जाजल्य