अनिरुद्ध दुबे
‘गंगा की सौगंध’ और ‘रामलीला’ ये नाम फिल्मों के जरूर हैं, पर यह भी उतना ही सच है कि छत्तीसगढ़ की चुनावी राजनीति पिछले तीन दिनों से इन्हीं दोनों के इर्द-गिर्द घूम रही। केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह वीआईपी रोड स्थित राम मंदिर के दर्शन करके लौटे उसके चंद घंटे बाद राजीव भवन में पूर्व केन्द्रीय मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता आर.पी.एन. सिंह ने गंगा जल हाथ में लेकर सौंगध खा ली। उसके बाद से दोनों ही पार्टियों के बीच किसानों के कर्ज और राम मंदिर दोनों मुद्दों को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर लगातार चल रहा है। राम मंदिर का मुद्दा सीधे छत्तीसगढ़ से जुड़ा नहीं है, लेकिन राष्ट्रीय परिदृश्य में पिछले कुछ दिनों से इसे लेकर जो हलचल है उसकी गूंज अप्रत्यक्ष तौर पर धीमी आवाज में सही छ्तीसगढ़ के इस चुनावी माहौल में भी सुनाई दे रही है। राम मंदिर पर बात तो उसी समय शुरु हो गई थी जब दीपावली त्यौहार से पहले सभाएं लेने केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद छत्तीसगढ़ आए थे। उन्होंने एकात्म परिसर में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मीडिया की तरफ से सवाल होने से पहले ही कहा कि जानता हूं आप लोग अयोध्या के राम मंदिर पर सवाल जरूर करेंगे। मामला सूप्रीम कोर्ट में है। उसका इंतजार है। समय आने पर ही उस पर वाजिब प्रतिक्रिया दी जा सकेगी। उसके बाद 5 नवंबर को पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता मनीष तिवारी रायपुर आए। उन्होंने मीडिया व्दारा राम मंदिर को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि विवादित ढांचा एवं उसके आसपास की 67 एकड़ जगह केन्द्र सरकार के पास है। यदि केन्द्र की भाजपा सरकार वहां मंदिर बनाना चाहे तो कोई रोक नहीं सकता। फिर भाजपा की ओर से बेवजह इतना शोर-शराबा क्यों। मनीष तिवारी ने तर्कसम्मत बात की, वहीं उसके बाद कांग्रेस के और भी राष्ट्रीय नेता जो प्रचार के लिए छत्तीसगढ़ आए वो यही सवाल उठाते रहे कि भाजपा को चुनाव के ही समय क्यों राम मंदिर की याद आती है। अब 15 नवंबर की सुबह पर लौटते हैं। राम मंदिर में दर्शन कर केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह सीधे एकात्म परिसर में मीडिया से रूबरू हुए। जब राम मंदिर का सवाल उनके सामने आया, उन्होंने कहा- मैं अभी राम मंदिर के ही दर्शन करके आ रहा हूं, जो होटल बेबीलॉन के सामने है। जब मीडिया की तरफ से प्रश्न हुआ कि बात अयोध्या के राम मंदिर को लेकर हो रही है, एक तरफ कोर्ट है तो दूसरी तरफ धर्मादेश, किसकी बात मानी जाएगी, राजनाथ सिंह ने पलटकर सवाल पूछा- कैसा धर्मादेश। बिना किसी जवाब के ही सही सुखद वातावरण में वह प्रेस वार्ता समाप्त हो गई। चंद घंटों बाद राजीव भवन में दिलचस्प घटनाक्रम उस समय देखने में आया जब मीडिया के समक्ष पूर्व केन्द्रीय मंत्री व अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रभारी आर.पी.एन. सिंह ने हाथ में गंगाजल डाला और सौगंध खाई कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनते ही किसानों का कर्जा माफ होगा। इसके बाद से कांग्रेस लगातार भाजपा के निशाने पर है। मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कल जहां चुनावी सभाओं में कहा कि कांग्रेस की ऐसी दुर्गति हो गई कि उसे गंगाजल हाथ में लेकर भरोसा दिलाना पड़ रहा है, वहीं सांसद एवं दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी मीडिया के समक्ष बकायदा फिल्मी अंदाज में गा गए- राम तेरी गंगा मैली हो गई, कांग्रेसियों के पाप धोते-धोते। ताजा खबर यह कि योग गुरु बाबा रामदेव ने कल वाराणसी में कहा- देशवासी अयोध्या में राम मंदिर चाहते हैं। सरकार को संसद में कानून बनाकर राम मंदिर का निर्माण कराना चाहिए। इसके अलावा भाजपा ने कल शीतकालीन सत्र के लिए सांसदों को व्हिप जारी किया है कि 11 दिसंबर से 9 जनवरी तक दिल्ली के बाहर का कार्यक्रम ना बनाएं। इसे भी राम मंदिर निर्माण की संभावनाओं से जोड़कर देखा जा रहा है। बहरहाल छत्तीसगढ़ के इ
स विधानसभा चुनाव में सीधे तौर पर जहां नक्सलवाद एवं किसानों की कर्ज माफी का मुद्दा छाया रहा, वहीं राम मंदिर की बात भी दोनों राष्ट्रीय पार्टियों के नेता लगातार करते रहे। इस चुनावी शोर में राम मंदिर प्रत्यक्ष ना होकर दबे स्वर में ही सही लेकिन एक मुद्दा तो रहा।