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किसानों से जुड़े लेटर पर मची खलबली

रायपुर। मतदान से ठीक एक दिन पहले छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के महामंत्री (संचार विभाग) शैलेष ऩितिन त्रिवेदी के नाम से सोशल मीडिया में जारी एक तथाकथित लेटर ने राजनीतिक हल्कों में खलबली मचा दी है, जिसमें किसानों की कर्ज माफी से जुड़े छह बिन्दू हैं। शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि यह लेटर पूरी तरह फर्जी है और इसके पीछे भाजपा का हाथ है। उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत मैंने निर्वाचन आयोग से की है और जरूरत पड़ने पर थाने भी जाऊंगा।

शैलेष नितिन त्रिवेदी के हस्ताक्षर से जारी तथाकथित पत्र में कहा गया है कि यह केन्द्रीय कांग्रेस समिति के सर्व सहमति से  भूपेश बघेल व्दारा प्रेषित किया जा रहा है- 1. कृषि भूमि यदि 2 एकड़ से अधिक है तो कर्ज माफी नहीं दी जाएगी। 2. खाद पर लिए गए ऋण को कर्ज माफी से बाहर रखा जाएगा। 3. शासकीय योजनाओं का लाभ प्राप्त कर रहे किसानों की आर्थिक स्थिति के आधार पर ही कर्ज माफी होगी। 4. किसान फसल बीमा से लाभान्वित कृषकों को कर्ज माफी की सूची में शामिल नहीं किया जाएगा। 5. निम्न सिंचाई योजनाओं से लाभान्वित कृषकों को भी कर्ज माफी की सूची में शामिल नहीं किया जाएगा। 6. अधिकतम बीस हजार रुपये तक ही कर्ज माफ किया जाएगा। पत्र में आगे लिखा है- सभी कांग्रेस जिला अध्यक्षों को प्रेषित. केंद्रीय कांग्रेस समिति और छत्तीसगढ़ कांग्रेस समिति के अनुसार किसानों के कर्ज माफी के निम्न बिन्दुओं को ध्यान में रखा जाएगा। पत्र की प्रतिलिपि नेता प्रतिपक्ष टी.एस. सिंहदेव एवं चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत को भेजे जाने का उल्लेख है। पत्र के जारी होने की तारीख 15 नवंबर दर्शाई गई है।
इस पत्र के जारी होने के बाद से राजनीतिक हल्कों में तरह-तरह की चर्चाएं हैं। इस पत्र को लेकर तीसरी राजनातिक पार्टी से जुड़े एक नेता के तरफ भी  शक की सुई घूम रही है।

शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि मैंने अपना प्रदेश कांग्रेस के पद का कोई लेटर पैड नहीं छपवाया है। लेटर पैड में नीचे मुकाम पोस्ट खरोरा है जबकि मेरा निवास ग्राम पहंदा पोस्ट बलौदाबाजार है और रायपुर में मैं सुंदर नगर में निवास करता हूं। मुकाम पोस्ट खरोरा का लेटर पैड प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री गिरीश देवांगन का है। यह स्पष्ट है कि यह लेटर पैड मेरे नाम से फोटो साफ करके उनके लेटर पैड को बदला गया है। कर्जमाफी को बड़ा मुद्दा देखकर भाजपा भयभीत है और किसानों में बढ़ती नाराजगी को देखते हुए भाजपा ने यह साजिश रची है।
किसानों की आत्महत्या लगातार कर्ज के कारण छत्तीसगढ़ में हो रही है और बढ़ती किसान आत्महत्या को देखते हुए ही कांग्रेस ने किसानों के कर्ज माफी को अपने घोषणापत्र में जोड़ने का निर्णय लिया है।

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