रायपुर। पूर्व महापौर एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री श्रीमती किरणमयी नायक ने कहा कि राज्य मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में हमने चुनाव के दौरान हुई कई तरह की घटनाओं को लेकर शिकायतों की झड़ी लगा दी थी। कुछ को छोड़कर अधिकांश शिकायतों पर कार्रवाई होते नहीं दिखी। ऐसा प्रतीत होता है मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी डर व भय से काम करते रहे हैं।
राजीव भवन में आज मीडिया से बातचीत करते हुए श्रीमती किरणमयी नायक ने कहा कि इस बार के चुनाव में इतनी अराजकता थी कि एक बार हमने रात पौने बारह बजे राज्य निर्वाचन कार्यालय का दरवाजा खटखटाया। राज्य निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा था- आखिर राजधानी रायपुर के जयस्तंभ चौक के पास भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को रैली व सभा करने की अनुमति कैसे मिली। हमें जवाब मिला रैली व सभा के लिए अनुमति ली गई थी। बाद में आयोग की तरफ से जो कागस प्राप्त हुआ उसमें स्पष्ट था रैली के लिए अनुमति थी सभा के लिए नहीं। इस तरह अमित शाह एवं भाजपा के चार प्रत्याशियों ने वहां अवैधानिक रूप से सभा ली। इसके बाद हमने आयोग में रिमांइडर लेटर भी दिया कि अनुमति केवल रैली के लिए थी, सभा के लिए नहीं। इसके बाद भी आयोग ने किसी तरह की कार्रवाई नहीं की। इसी तरह धमतरी में स्ट्रांग रूम जहां ईवीएम मशीनें रखी हैं, अवैध रूप से तहसीलदार व दो पटवारियों के पहुंचने के लिए हमने कलेक्टर को जिम्मेदार मानते हुए आयोग में शिकायत की थी। उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। लगता है राज्य मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू के ऊपर भाजपा सरकार का दबाव है।