छत्तीसगढ़

चुनाव का ऐसा असर, राजधानी का निगम इन दिनों उजड़े चमन जैसा

रायपुर। राजधानी रायपुर का नगर निगम नवंबर महीना लगने के बाद से अब तक खाली-खाली ही नजर आते रहा है। कारण, महापौर से लेकर सभापति एवं मेयर इन कौंसिल सदस्यों का  इन दिनों निगम नहीं पहुंचना। ये सारे लोग अभी चुनावी मूड से निकल नहीं पाए हैं। माना जा रहा है 11 दिसंबर को चुनावी रिजल्ट आ जाने के बाद ही जन प्रतिनिधियों की निगम में बराबर हाजरी शुरु होगी। उल्लेखनीय है कि रायपुर में चुनावी हवा का असर नवंबर के पहले हफ्ते से ही दिखने लगा था। खुद महापौर प्रमोद दुबे रायपुर उत्तर सीट से कांग्रेस टिकट की दौड़ में थे। यह अलग बात है टिकट मिली कुलदीप जुनेजा को। चुनाव के दौरान कांग्रेस एवं भाजपा दोनों पार्टियों के पार्षद जिसको जो काम जहां पर मिला लगे रहे। अब निगम के ये सारे नेता चुनाव परिणाम का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। महापौर प्रमोद दुबे की रुचि जहां सबसे ज्यादा रायपुर ग्रामीण एवं धरसींवा विधानसभा सीट को लेकर रही है, वहीं सभापति प्रफुल्ल विश्वकर्मा रायपुर पश्चिम के भाजपा प्रत्याशी राजेश मूणत के प्रचार में पूरे समय भिड़े रहे। जन प्रतिनिधियों की इन दिनों निगम में हाजरी कम रहने के कारण वहां के कामकाज की रफ्तार भी सुस्त ही दिखाई दे रही है।चूंकि नगर निगम सीधे नेताओं से जुड़ी संस्था है, अतः वहां के अफसर व कर्मचारी ज्यादातर समय राजनीतिक चर्चाओं में ही ज्यादा व्यस्त नजर आ रहे हैं। सभी की तरफ से यही सवाल होते नजर आ रहा है कि इस बार सरकार किसकी बन रही। मतदान होने के बाद और मतगणना के बीच जो लंबा अंतराल आया उसका फायदा उठाते हुए कुछ अफसर तो अपनी मनपसंद जगह का सैर सपाटा भी कर आए हैं।

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