रायपुर। छत्तीसगढ़ का नया मुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव एवं भूपेश बघेल में से ही कोई एक होगा। आज शाम-रात तक दिल्ली से मुख्यमंत्री की घोषणा हो जाने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि कल रात राजधानी रायपुर में दिल्ली से पहुंचे आब्जर्वर मल्लिकार्जुन खड़गे ने पहले नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायकों की सामूहिक बैठक ली। उसके बाद बंद कमरे में एक के बाद एक विधायकों को बुलाकर मुख्यमंत्री के संबंध में उनकी व्यक्तिगत राय जानी। पार्टी के कुछ जिम्मेदार लोगों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि मुख्यमंत्री पद के लिए शुरु में चार बड़े नामों की चर्चा जरूर होते रही थी, लेकिन आब्जर्वर ने कल जब विधायकों से अलग-अलग वन टू वन बात की उनके सामने दो ही नाम टीएस सिंहदेव एवं भूपेश बघेल आए। इसके पहले विधायकों की सामूहिक बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया जा चुका था मुख्यमंत्री पद पर फैसला कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी लें। बहरहाल मल्लिकार्जुन खड़गे एवं कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पी.एल. पुनिया आज दिल्ली पहुंच चुके हैं। दोपहर में दोनों की राहुल गांधी से अलग से चर्चा होगी। माना जा रहा है शाम-रात तक सिंहदेव एवं भूपेश में से किसी एक के नाम पर कांग्रेस आलाकमान की मुहर लग जाएगी। दिल्ली में तूरंत में किसी एक नाम पर फैसला करना इसलिए थोड़ा मुश्किल रहा है कि सरकार बनने में दोनों में से किसी के योगदान को कम ज्यादा आंक पाना कठिन है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते भूपेश बघेल ने लगातार चार वर्षों तक जहां जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई, वहीं नेता प्रतिपक्ष के रूप में टी.एस. सिंहदेव के नेतृत्व में विधानसभा सत्रों में कांग्रेस विधायक दल का लगातार बेहतरीन प्रदर्शन रहा। चुनाव नजदीक आया तो सिंहदेव की भूमिका और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई। चुनावी घोषणा पत्र तैयार करने के लिए वे डेढ़ लाख लोगों के बीच सीधे गए। घोषणा पत्र में किसानों का कर्जा माफ एवं बिजली बिल हाफ, शराबबंदी जैसे बिन्दुओं ने जनमानस पर सीधा असर डाला। माना जा रहा है मतदाताओं का ध्यान खींचने में कांग्रेस का चुनावी घोषणा पत्र पूरी तरह सफल रहा जिसकी परिणति वोट के रूप में तब्दील हुई।