रायपुर। भाजपा विधायक एवं प्रवक्ता शिवरतन शर्मा ने नई सरकार के फैसलों पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि ‘जो तमीजदार होते हैं, वो रखते हैं मिजाज नर्म अपना, तुम्हारा लहजा बता रहा है, तुम्हारी दौलत नयी-नयी है। अभी कुछ घंटे हुए हैं शपथ लिए और अभी से जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल ये कर रहे, आने वाले कल के लिए अच्छा संकेत नहीं है।
शिवरतन शर्मा ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस को काम करने के लिए जनादेश मिला है। उसे उसी पर अपना ध्यान देना चाहिए। आजादी के बाद किसानों के दुर्दशा को ठीक करने का काम सबसे पहले अटल जी की सरकार ने किया।
उसी तरह प्रदेश की भाजपा सरकार ने जिस तरह के काम किसानों के हितों में भी किये वह स्वर्णाक्षर में लिखे जाने लायक है। अपने चुनावी वादों को लेकर कांग्रेस ने जो डुगडुगी पिटने का काम पूरे चुनाव अभियान में किया था, उस पर काम करने के बाद भाजपा पर टिप्पणी करना ओछी मानसिकता का परिचायक है।
कांग्रेस के नेता अपने चुनावी वादों पर भाजपा को बीच में क्यों ला रहे हैं समझ से परे है। शर्मा ने पूछा कि किसानों को आखिर कर्जदार बनाया किसने? भाजपा की पूर्ववर्ती प्रदेश सरकार ने तो किसानों के हित में अनेक योजनाओं पर काम किया था।
किसानों के लिए ब्याजमुक्त ऋण, सिंचाई पंपों के लिए नि:शुल्क और फ्लैट रेट पर बिजली, धान का बोनस, सिंचाई क्षमता में वृद्धि जैसे काम करके कृषि को नफे का उद्योग बनाने की दिशा में भाजपा की प्रदेश सरकार ने सार्थक कार्य किए ताकि किसानों को कर्ज लेने की नौबत ही न आए।
शर्मा ने झीरम मामले में एसआईटी गठित करने के फैसले पर कहा कि अब प्रदेश सरकार के मुखिया को वे सारे सबूत एसआईटी को सौंपने चाहिए, जिन्हें वे जेब में लेकर चलने के दावे करते थे। अगर झीरम मामले में कोई तथ्य छिपे रह गए हैं तो उन्हें सामने लाया जाना चाहिए, ताकि इस मामले का नीर-क्षीर परिणाम सामने आए।