रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दस मंत्रियों की नियुक्ति के लिए कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की सहमति प्राप्त करने आज दिल्ली जाएंगे। दस की नियुक्ति का यह मामला बघेल के लिए काफी कठिन हो गया है।
जगह दस की है तो दावेदार बीस के आसपास हैं। बघेल पहले ही कह चुके हैं मंत्री पद के लिए वे नाम प्राथमिकता में होंगे जो दो बार से ज्यादा जीतकर आए हैं। लेकिन जब महिला विधायक का चयन करने की बात आएगी तो वहां पर दूसरे हिसाब से सोचना होगा।
वर्तमान में केवल अनिला भेंडिया हैं जो लगातार दूसरी बार विधायक बनी हैं। उन्हें मंत्री पद पर लिया जा सकता है। इसी तरह उमेश पटेल के नाम पर कई बार सोचना पड़ सकता है। उमेश पटेल पिछड़ा वर्ग से होने के साथ युवा चेहरा हैं।
सबसे प्रमुख बात यह कि झीरम घाटी नक्सली हमले में में उनके पिता नंद कुमार पटेल एवं भाई दिनेश पटेल दोनों की शहादत हुई। इस तरह उमेश के मंत्री बनने की संभावना बरकरार है।
बघेल को इस बात पर भी सोचना पड़ सकता है कि अरुण वोरा और अमितेष शुक्ल में से किसे मंत्री पद पर लें या फिर दोनों के नामों को फिलहाल रोक दें, क्योंकि वरिष्ठता के लिहाज से ब्राम्हण वर्ग से दो बड़े नाम सत्यनारायण शर्मा एवं रविन्द्र चौबे पहले से सामने हैं।
आदिवासी वर्ग से प्रमुखता से सरगुजा क्षेत्र से रामपूकार सिंह एवं अमरजीत भगत तथा बस्तर तरफ से लखेश्वर बघेल व कवासी लखमा का नाम चला हुआ है।