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अरुण वोरा या अमितेष में से कोई एक मंत्री बनेगा या दोनों ही कटेंगे?

रायपुर। छत्तीसगढ़ के नये दस मंत्रियों की शपथ 25 दिसंबर को 11 बजे राजधानी रायपुर के पुलिस ग्राउंड में होना तय है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल नये मंत्रियों के नाम पर अत्यंत गोपनीयता बरते हुए हैं।
सत्यनारायण शर्मा, रविन्द्र चौबे, धनेंद्र साहू एवं मोहम्मद  अकबर ऐसे बड़े नाम हैं जिनका मंत्री बनना तय माना जा रहा है। वहीं मनोज मंडावी, डॉ. शिव कुमार डहरिया, उमेश पटेल एवं श्रीमती अनिला भेंडिया को मंत्री मंडल में शामिल करने की चर्चा है।
यह भी अनुमान लगाया जा रहा है सरगुजा तरफ से प्रेमसाय सिंह टेकाम एवं अमरजीत भगत में से कोई एक मंत्री होगा। तो क्या अमितेष शुक्ल एवं अरुण वोरा मंत्री बनने से रह जाएंगे यह सवाल हवा में तैर रहा है।
इन नामों पर पेचिदगी बने रहने के पीछे कारण दुर्ग डिवीजन से खुद भूपेश बघेल तो मुख्यमंत्री हैं ही ताम्रध्वज साहू भी मंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। फिर रविन्द्र चौबे, अरुण वोरा एवं श्रीमती अनिला भेंडिया भी उसी दुर्ग परिक्षेत्र से हैं।
चौबे वरिष्ठता क्रम में ऊपर हैं तो किसी एक महिला को मंत्री पद में लेने के मापदंड पर श्रीमती अनिला भेंडिया खरी उतरती दिख रही हैं। वे न सिर्फ लगातार दूसरी बार चुनाव जीतकर आई हैं अपितु अनुसूचित जनजाति वर्ग से भी हैं।
अब राजधानी रायपुर की बात करें तो यहां की सीट से दिग्गज नेता सत्यनारायण शर्मा चुनाव जीते हैं। वहीं अमितेष शुक्ल राजिम से जरूर जीते हैं, लेकिन हैं रायपुर के। फिर शर्मा व शुक्ल दोनों ब्राम्हण हैं।
यदि दो ब्राम्हण सत्यनारायण शर्मा एवं रविन्द्र चौबे को मंत्री मंडल में लिया जाता है तो और किसी ब्राम्हण विधायक की राह वैसे भी कठिन हो जाती है। फिर सामान्य से लेकर अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग सभी का संतुलन बनाए रखना भी जरूरी है।
भले ही वरिष्ठता के आधार पर अरुण वोरा या अमितेष शुक्ल मंत्री बनने की पात्रता रखे हों लेकिन मुख्यमंत्री को मिलाकर सरकार में तेरह मंत्री ही हो सकते हैं। इस सवैंधानिक व्यवस्था के सामने वोरा व शुक्ल दोनों की डगर आसान नहीं।

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