छत्तीसगढ़

एसआईटी गठन से परिवार को अब न्याय मिलने की उम्मीद: नीला पटेल

शहीद नंदकुमार पटेल और दिनेश पटेल के परिजनों ने किया मुख्यमंत्री के फैसले का स्वागत

रायपुर। झीरम घाटी हमले में शहीद छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री नंदकुमार पटेल और उनके बेटे स्वर्गीय दिनेश पटेल के परिजनों ने इस हमले की उच्च स्तरीय जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठन फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति आभार प्रकट किया है। 
स्वर्गीय नंदकुमार पटेल की धर्मपत्नी श्रीमती नीला पटेल ने आज अपने गृह ग्राम नंदेली में चर्चा के दौरान कहा कि लगभग साढ़े पांच साल पहले की उस नक्सल वारदात में मैंने अपने पति और बेटे को खोया। इससे हमारे जीवन में अंधेरा छा गया था और हम अंदर से बिखर गए थे।
झीरम की हिंसक नक्सल वारदात हमें गहरे जख्म दे गयी थी। श्रीमती पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा शपथ ग्रहण के तत्काल बाद इस मामले की एसआईटी जांच की घोषणा से हमारे परिवार को अब राहत महसूस हो रही है।
हमें पूरी उम्मीद है कि अपराधी बेनकाब होंगे, पकड़े जाएंगे और हमारे परिवार को न्याय मिलेगा। उनकी पुत्रवधु (स्वर्गीय श्री दिनेश पटेल की धर्मपत्नी) श्रीमती भावना पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा विशेष जांच टीम (एसआईटी) बनाने के निर्णय से हम लोगों में अब जल्द इंसाफ मिलने की उम्मीद जागी है।
चर्चा के दौरान स्वर्गीय नंदकुमार पटेल की सुपुत्री श्रीमती सरोजनी पटेल और श्रीमती शशिकला पटेल ने भी एसआईटी गठन के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे हमारे मन को संतुष्टि मिली है। विश्वास है कि दोषी व्यक्ति जल्द कानून के शिकंजे में होंगे और हमें न्याय जरूर मिलेगा।
ज्ञातव्य है कि छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री नंदकुमार पटेल और उनके सुपुत्र दिनेश की लगभग साढ़े पांच साल पहले मई 2013 में बस्तर जिले की झीरम घाटी में नक्सलियों द्वारा नृशंस हत्या कर दी गई थी।
इतना ही नहीं बल्कि इस हमले में प्रदेश के अनेक वरिष्ठ नेता और आम नागरिक भी शहीद हुए थे। इस महीने की 17 तारीख को मुख्यमंत्री बघेल ने शपथ ग्रहण के साथ ही इस पूरे मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठन का ऐलान किया था।
उनकी अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में इसके लिए प्रस्ताव भी पारित कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने गृह विभाग को जल्द से जल्द एसआईटी गठित करने के निर्देश दिए हैं। 

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