रायपुर। लगातार चार बार चुनाव जीतने वाले आदिवासी विधायक अमरजीत भगत सदमे में हैं। ये सदमा इसलिए लगा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 25 दिसंबर को जिन नौ मंत्रियों की घोषणा की उसमें उनका नाम नहीं था।
उपेक्षा से आहत अमरजीत 25 तारीख के बाद से राजधानी रायपुर में ही हैं और अपने क्षेत्र सीतापुर लौटने का नाम ही नहीं ले रहे। ऐसा क्यों, इस सवाल पर उनका एक लाइन का सीधा जवाब मिला- क्षेत्र के लोगों के सामने कुछ बोलने लायक नहीं रह गया।
इसके आगे उन्होंने कहा- 4 जनवरी से 11 जनवरी तक विधानसभा का पहला सत्र चलना है। तब तक यही रहूंगा। अपने क्षेत्र नहीं जाउंगा। मुझे पूरा यकीन है कि तेरहवें मंत्री का जो पद है, पार्टी के मुखिया भूपेश बघेल मेरे लिए ही रोककर रखे होंगे।
उन्होंने हमेशा मुझे प्रोत्साहित किया। वे न सिर्फ सीतापुर के मतदाताओं बल्कि सरगुजा एवं बस्तर के आदिवासी समुदाय के लोगों को निराश नहीं करेंगे और मेरे नाम पर बड़ा फैसला जरूर लेंगे।