रायपुर। गृह, धर्मस्व, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में धर्मस्व और संस्कृति विभाग के काम-काज की समीक्षा की।
उन्होंने छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति को देश ही नहीं अपितु विश्व पटल पर पहचान देने के लिए विशेष जोर दिया। साहू ने इसके लिए सभी विभागीय अधिकारियों को कार्ययोजना बनाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
गृह और संस्कृति मंत्री ने बैठक में धार्मिक न्यास तथा धर्मस्व और संस्कृति तथा पर्यटन विभाग के कार्यों के बारे में मदवार जानकारी ली। उन्होंने छत्तीसगढ़ की संस्कृति तथा पर्यटन को और बढ़ावा देने इन विभागों के बजट में आवश्यक बढ़ोत्तरी के लिए भी निर्देशित किया।
साहू ने छत्तीसगढ़ के बहुरंगी संस्कृति और पर्यटन स्थलों का व्यापक प्रचार-प्रसार कर इसे देश-विदेश तक पहचान स्थापित करने के लिए विशेष जोर दिया। साथ ही उन्होंने राज्य की समृद्ध तथा विविध सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण और संवर्द्धन के लिए भी निर्देश दिए।
इसके अलावा पर्यटन तथा धार्मिक महत्व के स्थलों पर मूलभूत सुविधाओं के विस्तार तथा सुगम उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया।
संस्कृति मंत्री ने राज्य में इन पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की सुविधा के लिए धर्मशालाओं के खोले जाने का प्रस्ताव भी शीघ्र देने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने धार्मिक महत्व के स्थलों और मंदिरों के पंजीकृत तथा अपंजीकृत ट्रस्टों की जानकारी उपलब्ध कराने निर्देशित किया।
इन स्थलों पर सुगम आवाजाही के लिए मार्गों और समुचित पेयजल व्यवस्था के लिए भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। संस्कृति मंत्री ने छत्तीसगढ़ की बोली सहित विविध आदिम संस्कृति के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार कर इसे बढ़ावा देने के लिए कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए।
बैठक में बताया गया कि छत्तीसगढ़ में प्रदेश और प्रदेश के बाहर पर्यटन मंडल द्वारा वर्तमान में 18 पर्यटन सूचना केन्द्र संचालित है। इनमें राज्य के बाहर नई दिल्ली, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात राज्य में संचालित है। इस अवसर पर विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।