रायपुर। हालांकि कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक व्दय धनेन्द्र साहू एवं अमरजीत भगत इन दिनों खुलकर मीडिया से बात करने से परहेज कर रहे हैं, लेकिन उनके हाव-भाव को देख सहज अंदाजा लगाया जा सकता है इतनी सीनियरिटी और काबिलियत के बाद भी मंत्री पद नहीं मिलने पर इनकी नाराजगी अभी तक दूर नहीं हुई।
हाल ही में पूर्व मंत्री धनेन्द्र साहू दिल्ली में कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी एवं प्रदेश प्रभारी पी.एल. पुनिया से जो मिले उसके अलग-अलग अर्थ निकाले जा रहे हैं। कोई कहता है मंत्री पद के लिए जिस तरह धनेन्द्र साहू के नाम को नजरअंदाज किया गया उस पर उन्होंने कुछ बड़े तर्कों के साथ राहुल गांधी के सामने नाराजगी दर्ज कराई है।
छत्तीसगढ़ टाइम्स डॉट इन व्दारा धनेन्द्र साहू से सीधी बातचीत किए जाने पर उन्होंने कहा कि मैंने राहुल गांधी को नये साल की बधाई दी एवं आगामी लोकसभा चुनाव पर चर्चा की। शिकायत जैसा कुछ नहीं था।
इस सवाल पर कि क्या आपके विधानसभा क्षेत्र अभनपुर में सब कुछ ठीक-ठाक है, धनेन्द्र साहू ने कहा- वहां के मतदाताओं में हताशा तो है। मुझे अपने समर्थकों को बार-बार समझाना पड़ रहा है मंत्री पद ही सब कुछ नहीं होता। बिना मंत्री रहे भी सेवा कार्य किया जा सकता है। किसे मंत्री बनाना है किसे नहीं यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। कहीं कोई बाध्यता वाली स्थिति नहीं है।
छत्तीसगढ़ टाइम्स डॉट इन ने अमरजीत भगत से भी बात की जो कि जीत के बाद अपने विधानसभा क्षेत्र सीतापुर ही नहीं गए हैं। वे राजधानी रायपुर में ही हैं। अमरजीत भगत ने कहा कि सीतापुर में इस समय अजीब से सन्नाटा है।
लोग इसे मंत्री पद के लिए सीतापुर को प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से जोड़कर देख रहे हैं। चौथी बार चुनाव जीता हूं और पहली बार ऐसा हुआ है कि वहां मेरी जीत का कोई विजय जुलूस नहीं निकला। मुझे ऊपर वालों से किसी तरह की कोई शिकायत नहीं। मुख्यमंत्री ने जो भी निर्णय लिया वह कुछ सोचकर ही लिया होगा। उनका हर निर्णय मुझे मान्य है।