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इंजीनियरिंग की GATE परीक्षा टालने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, कहा- ‘कोरोना की पहली और दूसरी लहर जैसी नहीं है स्थिति’

इंजीनियरिंग के ग्रेजुएट छात्रों की योग्यता का मूल्यांकन करने के लिए होने वाली GATE 2022 परीक्षा टालने की मांग सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दी है. याचिकाकर्ता ने कोविड की तीसरी लहर के चलते परीक्षा टालने की मांग की थी. परीक्षा 5 फरवरी से है होनी है. कोर्ट ने सुनवाई से मना करते हुए कहा कि परीक्षा से 48 घंटा पहले इसे टालने को लेकर सुनवाई छात्रों के मन में अनिश्चितता पैदा करेगी.

सुप्रीम कोर्ट में मामले पर याचिका दाखिल करने वालों में कुछ छात्र और कोचिंग संस्थान के संचालक शामिल थे. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, सूर्य कांत और विक्रम नाथ की बेंच याचिकाकर्ताओं की दलील पर आश्वस्त नज़र नहीं आई. बेंच के अध्यक्ष जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, “आप बता रहे हैं कि 9 लाख छात्र परीक्षा में बैठने वाले हैं. इनमें से लगभग 20 हज़ार ने परीक्षा टालने की मांग पर ऑनलाइन हस्ताक्षर किए हैं. लेकिन इस समय अगर हम इस मांग पर सुनवाई शुरू करते हैं तो यह सिर्फ अनिश्चितता पैदा करेगा. जिन छात्रों ने परीक्षा में शामिल होने की तैयारी कर ली है, वह परेशान होंगे.”

परीक्षा के आयोजन से कोरोना फैलने का खतरा
याचिकाकर्ता के लिए पेश वकील पल्लव मोंगिया ने परीक्षा के आयोजन से कोरोना फैलने का अंदेशा जताया. लेकिन जज ने कहा, “पहली और दूसरी लहर की तुलना में इस बार स्थिति अलग है. अब जब सारी चीजें एक-एक कर खुल रही हैं, एक शैक्षणिक मामले में कोर्ट का दखल देना सही नहीं लगता. परीक्षा के आयोजन पर अधिकारियों को ही फैसला लेने दिया जाना चाहिए.” कोर्ट ने यह भी कहा कि परीक्षा की अधिसूचना अगस्त 2021 में ही जारी हो गई थी.

छात्रों का करियर प्रभावित नहीं होने दे सकते
एक अन्य याचिकाकर्ता के लिए पेश वकील सतपाल सिंह ने कहा कि कई राज्यों में वीकेंड लॉकडाउन जैसे आदेश अमल में हैं. परीक्षा को 1 महीना टाल देना सही होगा. इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, “यह कैसे कहा जा सकता है कि 1 महीना बाद सब कुछ सही हो जाएगा. कहीं न कहीं कुछ समस्या रहेगी ही. कुछ राज्यों में समस्या होने के चलते छात्रों का करियर प्रभावित नहीं किया जाना चाहिए.” (abplive)

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