MAHADEV APP CASE | महादेव सट्टा घोटाले में आरोपित सूरज चोखानी को 16 माह बाद जमानत

नई दिल्ली, 24 जुलाई 2025। महादेव सट्टा एप से जुड़े बहुचर्चित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लंबे समय से जेल में बंद कोलकाता के कारोबारी सूरज चोखानी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। अदालत ने यह फैसला संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता) के तहत उनकी 16 महीने की लंबी हिरासत अवधि को ध्यान में रखते हुए दिया।
मामला क्या है?
इस मामले की शुरुआत छत्तीसगढ़ से हुई थी, जहां सट्टा एप से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोलकाता के कारोबारी सूरज चोखानी तक अपना दायरा बढ़ाया। ईडी का आरोप है कि चोखानी ने अवैध सट्टे की राशि को विदेशी निवेश (FDI) के ज़रिये भारत लाकर विभिन्न कंपनियों में लगाया और फिर उसे शेयर बाजार में रूट किया।
ईडी की जांच में क्या सामने आया?
चोखानी द्वारा निवेश की गई रकम का बड़ा हिस्सा भारतीय शेयर बाजार में लगाया गया।
ईडी ने 400 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्ति वाले 8 डीमैट खातों को फ्रीज किया।
जांच में पाया गया कि मनी ट्रेल को छुपाने के लिए जटिल निवेश तंत्र और शेल कंपनियों का इस्तेमाल किया गया।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
चोखानी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकीलों ने मौलिक अधिकारों के हनन और अन्य आरोपियों को मिल चुकी राहत का हवाला देते हुए जमानत की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि लंबे समय तक हिरासत में रखे जाने से व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन होता है और ईडी की जांच अभी भी जारी है, इसलिए चोखानी को जमानत दी जाती है।



