छत्तीसगढ़

134 बाबुओं की पदोन्नति में फर्जीवाड़ा के मामले में जाँच शुरू

संभागीय संयुक्त संचालक कार्यालय रायपुर में हुए पदोन्नति फर्जीवाड़े के मामला

रायपुर। संभागीय संयुक्त संचालक कार्यालय रायपुर में हुए पदोन्नति फर्जीवाड़े के मामले में डेढ़ माह बाद विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिए गए। वर्तमान में संयुक्त संचालक डॉ. सुभाष पांडेय ने यह आदेश जारी करते हुए रायपुर जिला अस्पताल के डॉ. चंद्रशेखर तिवारी को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। वे तय समय में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। पूरे प्रकरण में 134 बाबुओं की पदोन्नति रद की जा चुकी है।

पदोन्नति के दस्तावेज तैयार करने वाले लिपिक कमल ध्रुव को निलंबित किया जा चुका है। सूत्रों की मानें तो विभागीय जांच में कई और बड़े नाम सामने आ सकते हैं।
यह फर्जीवाड़ा तत्कालीन संयुक्त संचालक डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर के कार्यालय में हुआ था। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट बताती है कि डॉ. ठाकुर ने तबादले की तिथि, नई पदस्थापना वाली जगह पर जॉइनिंग के बाद भी बैक डेट पर पदोन्नति आदेश निकाले थे। जिन 134 बाबुओं को पदोन्नत किया गया था, वे सभी अपात्र थे।

पदोन्नति फर्जीवाड़ा तत्कालीन संयुक्त संचालक (वर्तमान में दुर्ग सीएमएचओ) डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर के कार्यालय में हुआ था। उन्हें 24 नवंबर को आयुक्त आर. प्रसन्ना ने नोटिस दिया था, जिसका जवाब उन्होंने दे दिया है। जानकारी मिली है कि डॉ. गंभीर के जवाब से वे संतुष्ट नहीं हैं। डॉ. गंभीर पर कार्रवाई के भी संकेत हैं।

नेताओं से दबाव बनवा रहे हैं बाबू- सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जिन बाबुओं की पदोन्नति रद की गई है, उनमें से कुछ गुट बनाकर स्वास्थ्य संगठनों के नेताओं के संपर्क में हैं। ये नेता, मंत्रियों के जरिए प्रकरण को सामने वाले अफसरों पर दबाव बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं।

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