छत्तीसगढ़

आबकारी नियमों के खिलाफ फूड और गुमाश्ता का लाइसेंस लेकर कार्यकता चला रहे थे चखना सेंटर

शराब दुकानों के पास भाजपाइयों के चखना सेंटर सरकार पलटते ही विभागीय अफसरों ने लूट ली

बिलासपुर। शराब दुकानों के पास भाजपाइयों के चखना सेंटर सरकार पलटते ही विभागीय अफसरों ने लूट ली और खुद अपने लोगों से चलवाने लगे हैं। प्रतिदिन दो से पांच लाख रुपए के इस काले कारोबार की मलाई खुद आबकारी विभाग चट करने लगा है। विधानसभा चुनाव के नतीजे 11 दिसंबर को आने के बाद बारह दिसंबर से पूर्व आबकारी मंत्री के क्षेत्र से धंधा पलटने की शुरुआत हुई थी। आबकारी विभाग शराब की दुकानें चलाता है, जिसकी कमीशनखोरी भले ही उच्चस्तर पर होती थी, लेकिन हर दुकान स्तर पर चखने की छूट कार्यकर्ताओं को मिली थी। हालांकि आबकारी नियमों के तहत देशी विदेशी शराब दुकान के करीब चखना सेंटर या अहाता चलाने की नियमानुसार अनुमति नहीं है, लेकिन पचास मीटर से दूरी ठेले खोमचे लगाने को गैर सरकारी तौर पर मंजूरी मिली हुई थी। इसके लिए विभाग को इशारा करा दिया जाता था कि फलां कार्यकता है, मदद करें। बस, इसके बाद तो दो से पांच हजार की प्रतिदिन की टकसाल शुरू हो जाती थी। विभाग के निरीक्षक अपने खर्चे-पानी के लिए सार्वजनिक स्थलों पर पीने वालों को पकड़कर और आसपास कच्ची शराब बनाने वालों को छापा मारकर चलाते थे , लेकिन नई सरकार बनने की घोषणा होते ही इन्होंने बदलाव ला दिया।
० ये है नियम और कागज
आबकारी विभाग से नियमानुसार चखना दुकान चलाने के लिए किसी प्रकार की अनुमति या लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं है। इसका तोड़ यह निकाला गया कि खाद्य विभाग से खाने-पीने की वस्तुओं को बिक्री करने का व नगर निकाय से गुमाश्ता लाइसेंस लेकर धंधा शुरू कर लिया जाता था। माननीय से जिसके नाम का विभाग को इशारा होता था, वही धड़ल्ले से अपना चखना बेच पाता था, बाकी सब विभागीय अफसरों के शिकार हो जाते जिले के 72 शराब दुकानों में देशी-विदेशी मिलाकर करीब डेढ़ सौ कार्यकता इसी तरह से किए गए ।
० गंदा है, पर धंधा है यहां
शहर के आसपास मोपका, लिगिंयाडीह, सरकंडा, बंधवापारा, मंगला, वसुंधरा नगर, तिफरा, यदुनंदननगर, ट्रांसपोर्ट नगर सिरगिट्टी , चुचुहियापारा, तोरवा, शनिचरी, दयालबंद, चांटीडीह, लिंकरोड सहित शहर व लगे अन्य स्थानों पर देशी-विदेशी शराब दुकानों में चखना दुकानों का कारोबार सरेआम देखा जा सकता है। यहां विभाग ने अब तो दो से चार दुकान तक किराए बंदी से चलवाना शुरू कर दिया है। इन दुकानों से प्रतिदिन दो से पांच हजार रुपए की तोड़ी विभाग द्बारा कराई जाती है। यानी 72 दुकानों से प्रतिदिन औसतन दो से तीन लाख रूपए का काला कारोबार विभाग कमा रहा है। मजे की बात है कि इन दुकानों में थोक के भाव में पानी पाउच और डिस्पोजल का कचरा दूसरे दिन कूड़े के ढेर में मिल रहा है।
वर्जन…
आबकारी विभाग से चखना दुकान के लिए कोई प्रक्रिया निर्धारित नहीं है। ऐसी दुकानों में सार्वजनिक रूप से शराब पिलाने पर विभाग कार्रवाई करता है। पानी पाउच और गिलास ऐसी दुकानों से बिकना प्रतिबंधित है।
विजयसेन शर्मा
जिला आबकारी अधिकारी

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