छत्तीसगढ़

अब शहरवासियों से वसूला जाएगा सफाई शुल्क

अभी तक इसके लिए शासन ने फंड जारी होता था, अब हुआ बंद

बिलासपुर। शहर में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट योजना कÞ अंतर्गत घरों से कचरा उठाने का काम चल रहा है। इसकÞ लिए लोगों से अतिरिक्त शुल्क वसूलने का प्रावधान था, लेकिन शासन स्तर पर इसके लिए अलग से फंड आने पर निगम अब तक सफाई शुल्क नहीं ले रहा था। अब यह फंड आना बंद हो गया है, लिहाजा निगम इस टैक्स को वसूलने की तैयारी में है। इसके लिए आयुक्त ने ठेकÞदार को आदेश जारी कर दिया है।
सरकार बदलते ही निगम कÞ कामकाज में फंड की कमी साफ देखी जा सकती है। पहली दिक्कत सफाई कÞ कार्य में आ रही है। दरअसल सफाई का सारा खर्च निगम को अपनी आय से चुकाना है। इसकÞ लिए शासन की ओर से अभी तक फंड मिलता है, अब बंद हो गया है। लिहाजा निगम ने अब इस खर्च को शहरवासियों से सफाई टैक्स के रूप में वसूली करने योजना बनाई है। गौरतलब है कि अप्रैल-2०18 में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन शुरू हुआ, तभी यह तय था कि लोगों से घर कÞ क्ष्ोत्रफल कÞ हिसाब से 2० से लेकर 2०० रुपए प्रतिमाह तक टैक्स वसूला जाएगा। तब से लेकर अब तक निगम स्वच्छता कÞ अन्य मद से ठेकÞदार को भुगतान कर रहा था। इससे लोगों से टैक्स की वसूली स्थगित कर दी गई थी। अब परिस्थितियां बदल गई हैं। शासन से फंड नहीं मिलने के कारण जिनके घरों से कचरा उठाए जाते हैं, उनसे टैक्स की वसूली की जाएगी। इसकÞ लिए आयुक्त ने आदेश जारी कर दिया है। वसूली तो अगस्त 2०18 से अब तक का होना है, लेकिन शुरुआत होने कÞ कारण फिलहाल एक माह का टैक्स लेने कÞ लिए कहा गया है। इसकÞ बाद हर माह सफाई टैक्स की वसूली शुरू हो जाएगी। निगम ने इसकी तैयारी कर ली है।
० सफाई व्यवस्था चौपट होने का खतरा
शासन स्तर पर साफ-सफाई के लिए निगम को फंड स्वीकृत न होने से शहर की सफाई व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो सकती है। ठेकेदारों को फंड जारी नहीं होगा तो वो काम करना भी बंद कर सकते हैं।
० मशीने भी नहीं दिखा पा रहीं कमाल
शहर को साफ-सुथरा रखने के लिए निगम ने सफाई करने वाली मशीनें भी रखी हैं। इसके बावजूद शहर में गंदगी का आलम है। सफाई के मामले में बड़ी बड़ी सफाई करने वाली मशीने भी फेल हो रही हैं। वार्डो की सफाई का दारोमदार पूरी तहरा सफाई ठेकेदारों पर है।
० स्वच्छता सर्वेक्षण में कट न जाए शहर का नंबर
निगम को शासन की तरफ से फंड जारी न होने से सफाई व्यवस्था बुरी तरह चरमरा सकती है। इधर स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम कभी भी यहां जायजा लेने पहुंच सकती है। यदि शहर की सफाई व्यवस्था दुरुस्त न होने से कहीं स्वच्छता सर्वे में शहर का नाम अंतिम पंक्ति पर न पहुंच जाए।

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