साइबर अपराधियों ने किया पुलिस के नाक में दम, लगातार हो रही एटीएम से ठगी की घटनाएं
तारबहार व सरकंडा थाना क्षेत्र का मामला, क्रमश: 8० हजार व 5० हजार की ठगी, मामला दर्ज
बिलासपुर। एटीएम क्लोनिंग की घटना थमने का नाम नहीं ले रही हैं आए दिन थाने में लाखों की ठगी की शिकायतें दर्ज हो रही हैं। इधर पुलिस ने एटीएम क्लोनिंग के मामले में देश के तीसरे नंबर के ठग गिरोह को पकड़ने की वाहवाही भी बटोर ली है। तारबाहर थाना क्षेत्र अंतर्गत फिर एक व्यक्ति के साथ धोखाधड़ी की घटना सामने आई है। इस बार घटना एटीएम के माध्यम से घटित होना बताया जा रहा है एटीएम क्लोनिग कर प्रार्थी के खाते से अस्सी हजार रुपए निकाल लिए गए हैं। पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर मामले की जांच शुरू कर दी है। वही बढ़ते साइबर के मामले में अंकुश लगाने के उद्देश्य से क्राइम कंट्रोल यूनिट का गठन भी किया जा रहा है।
साइबर अपराध पर लगाम लगा पाने में पुलिस प्रशासन नाकामयाब साबित हो रही है। लगातार लोग ऑनलाइन ठगी का शिकार होकर अपनी जमा पूंजी गंवा रहे हैं। एटीएम फ्रॉड के मामलों में इजाफा हो रहा है। मिली जानकारी के अनुसार शांतिनगर झारसुगुड़ा ओडिशा निवासी देवलाल सिह अपने परिवार के साथ जांजगीर में रहकर काम करता है। देवलाल छुट्टी मनाने अपने घर झारसुगुड़ा पहुंचा हुआ था कि उसके मोबाइल में अचानक मैसेज आया कि खाते से अलग-अलग किस्तों में कुल 8० हजार रुपए का आहरण किया गया है। मैसेज देखकर वह हैरान रह गया और मामले की शिकायत करने झारसुगुड़ा थाने पहुंचा। वहां से प्रार्थी को यह कहकर चलता कर दिया गया कि उनका खाता जांजगीर का है, वहीं एफआईआर दर्ज किया जाएगा। इसके बाद प्रार्थी जांजगीर पहुंचा, वहां उसे घटना स्थल बिलासपुर होने का हवाला देकर चलता कर दिया गया। इसके बाद प्रार्थी बिलासपुर आकर एक थाने से दूसरे थाने भटकने लगा। इससे परेशान होकर वह एसपी के पास पहुंचा, यहां उसे तारबहार थाना जाने की सलाह दी गई। यहां प्रार्थी के बयान के आधार पर अज्ञात
के खिलाफ अईपीसी की धारा 42० के तहत धोखाधड़ी का अपराध दर्ज किया गया। गौरतलब है कि जिले में लगातार धोखाधड़ी के मामले बढ़ते जा रहे हैं जिसने न केवल पुलिस के नाक में दम कर रखा है, बल्कि इस समस्याओं से सबसे ज्यादा आमजन को समस्या हो रही है। साइबर अपराध पर अंकुश लगाने एसपी ने एक फरमान जारी किया है, जिसमे साइबर सेल का विस्तार करने का जिक्र है। अब जिलेभर के थानों में साइबर के 2 स्टाफ तैनात रहेंगे। दूसरा मामला सरकंडा थाने का जिसमें कलश आवासीय परिसर लोधीपारा निवासी शालिनी पांडेय पिता रमेश कुमार पांडे ने एफआईआर दर्ज कराते हुए बताया है कि वह गुरुघासीदास विश्वविद्यालय में एमएस सी की पढ़ाई करती है। शुक्रवार को दोपहर करीब 12 बजे उसके मोबाइल में एकाउंट बुक माई शो से नोटिफिकेशन आया। इसके बाद उसने एप्स के सपोर्ट सिस्टम के हेल्पलाइन नंबर से कॉल आया। व्यक्ति ने बुक माई शो में दिए नंबर से रिमेच करने कहा तब प्रार्थिया ने रिमेच किया उसके बाद करीब दोपहर 2 बजे उसके मोबाइल से 49 हजार 9 सौ निन्यान्वे रूपये का ट्रांजेशन हुआ। शिकायत के बाद सरकंडा थाने में अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 42० के तहत धोखाधड़ी का अपराध दर्ज किया।
० देश तीसरे नंबर के ठग गिरोह का हुआ था खुलासा
पुलिस ने बीते दिनो देश के तीसरे नंबर के एटीएम ठग गिरोह का खुलासा किया था इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया था। आरोपी डिवाइस के माध्यम से कैमरा और स्कैनर लगाकार लोगों की गोपनीय जानकारी प्रा’ करते थ्ो। बीते दिनों तोरवा और कोतवाली थाने में एटीएम ठगी की शिकायत लगातार सामने आ रही थी। यह बेहद संवेदनशील मामला था क्योंकि लोगों के पास उनका एटीएम होता था और अलग-अलग स्थानों से उनके खाते से पैसे निकाले जा रहे थ्ो। पुलिस जांच में पता चला कि पीड़ितों के खाते से अधिकांश रकम कोलकाता के हावड़ा व साफ्टलेक सिटी से निकाले गए थ्ो वहां से तत्काल में सीसीटीवी फूटेज प्रा’ करना संभव नहीं था। इसके बाद शहर में पीड़ितों द्बारा उपयोग किए गए एटीएम मशीन की पहचान की गई। दयालबंद के प्रयाग डेंटल कालेज के पास एसबीआई के एटीएम से रकम व बंधवापारा हेमूनगर से 5 से 7 दिसम्बर के बीच रकम निकाले गए थ्ो।
० तत्काल 2०० एटीएम किए गए थ्ो ब्लॉक
साइबर सेल से प्रा’ जानकारी के बाद जिन ग्राहकों के कार्ड एटीएम क्लोनिंग उपकरण की मौजूदगी में सक्रिय थ्ो ऐसे लगभग 2०० से अधिक एटीएम कार्ड को ब्लॉक करवाया गया था ताकि यदि क्लोन तैयार हो गया हो तो भी अवैध आहरण ना हो सके। ठगी की घटना से संबंधित बैंक शाखाओं में मुख्यत: दयालबंद, तोरवा, तितली चौक के एटीएम शामिल थ्ो जिनमें अपकरण लगाए गए थ्ो।
० ठगी में प्रयोग होने वाले सामान को किया गया जब्त
पुलिस ने आरोपियों से 2० नग मोबाइल, 3० हजाए रुपए नकद, कार, 13 नग एटीएम, 2 पेन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, एटीएम क्लोनिंग चीप, स्कैनर, कैमरा व डिवाईस बरामद किए थ्ो।
० ऐसे करते थ्ो एटीएम क्लोनिंग
आरोपियों ने क्लोनिंग का तरीका यूटñूब से सीखा है। इस प्रक्रिया में वे सूनसान इलाकों के एटीएम का चुनाव करते हैं जहां गार्ड की सुरक्षा व्यवस्था नहीं होती है। वे मशीन में एटीएम डालने वाले जगह पर पैड के ऊपर एक उपकरण लगाते हैं और बैंक ग्राहकों के एटीएम के इस्त्ोमाल के बाद उस उपकरण को निकाल लेते हैं। उपकरण में एक कैमरा, स्कैनर, चीप व अन्य सामान लगे होते हैं। ऐसे एटीएम का प्रयोग जब ग्राहक करते हैं तो कार्ड डालते ही कार्ड में बनी ब्ल्ौक पSी उस उपकरण में स्कैन हो जाती है और उपभोक्ता द्बारा डाला पिन कैमरे में कैद हो जाता है। इसके बाद उस उपकरण को निकाल लिया जाता है और अन्य प्लास्टिक कार्ड में पूरी जानकारी डाल दी जाती है। इस कार्ड का प्रयोग कर आरोपी जगह-जगह के एटीएम से पैसे निकाल लेते थे।
० केस स्टडी
केस-1
तोरवा थाने में 2० दिसम्बर को लालखदान निवासी दयाराम माकड़े पिता जागेश्वर माकड़े ने एफआईआर दर्ज कराते हुए बताया था कि उसके खाते से 57 हजार रुपए निकाले गए हैं जबकि एटीएम उसके पास है।
केस-2
कोतवाली थाने में टिकरापारा निवासी संतोषी घोरे पति मुकेश घोरे ने 2० दिसम्बर को एफआईआर दर्ज कराते हुए बताया था कि 19 दिसम्बर को तीन किस्तों में उसके खाते से 25 हजार रुपए निकाले गए हैं एटीएम उसके पास है।
केस- 3
तखतपुर निवासी अंजोर दास कुरर्Þ पिता स्व. केडी कुरर्Þ उम्र 58 वर्ष ने सकरी थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया था कि 4 जनवरी को दोपहर करीब 2 बजे वह सर्वमंगला पेट्रोल पंप के सामने उसलापुर में स्टेट बैंक के एटीएम के प्रयोग के दौरान अनजान व्यक्ति ने एटीएम में छेड़छाड़ कर 15 हजार रुपए निकाला था।