बिलासपुर। आगजनी के बाद चर्चे में रहे सिम्स में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने बड़ी सर्जरी करते हुए यहां के 7 प्राध्यापकों को राज्य के दूसरे मेडिकल कॉलेज में स्थानांतरित कर दिया है। इसमें पूर्व एमएस डॉ.रमण्ोश मूर्ति, वर्तमान अधीक्षक डॉ. बीपी सिंह कई विभाग के एचओडी और चिकित्सा प्रध्यापक शामिल हैं।
गौरतलब है कि सिम्स मेडिकल कॉलेज के बनने के बाद विभाग ने इतनी बड़ी संख्या में एक साथ इतने चिकित्सा प्रध्यापकों का तबादला किया है। जिन प्राध्यापकों का तबादला हुआ है वो सिम्स मेडिकल कॉलेज के बनने के बाद से ही यहां अपनी सेवा दे रहे थ्ो। पिछले दिनों सिम्स में सॉर्ट सर्किट होने से यहां भर्ती 22 प्री-मेच्योर नवजातों को दूसरे अस्पताल में सिफ्ट किया गया था। तब से अस्पताल प्रबंधन की अव्यवस्थाओं पर सवाल उठना भी शुरु हो गया था। घटना के बाद स्वास्थ्य मंत्री सहित कई जनप्रतिनिधियों ने अस्पताल का निरीक्षण भी किया था। उन्होंने निरीक्षण के बाद पत्रकारों से चर्चा में कह दिया था कि अब सिम्स इस अवस्था में चलाने लायक है कि नहीं, इसका फैसला करने का समय आ गया है। संभवत: इस के तहत मंगलवार को चिकित्सा शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया है।
5 शिशुओं की मौत से सुर्खियों में था सिम्स
बीते माह 22 जनवरी को सिम्स में शार्ट सर्किट हुआ था, जिसमें 22 प्री- मेच्योर बच्चों को अलग-अलग निजी अस्पताल में भर्ती करया गया। जहां 5 बच्चों की मौत भी हुई थी, तब से सिम्स राज्य सभी अखबार की सुर्खियों में था। संभवतया सिम्स में इतने बड़े तबादले का कहीं न कहीं इस घटना से जोड़ कर भी देखा जा रहा है।
० चार माह पहले बदला था अधीक्षक
चिकित्सा विभाग द्बारा जारी आदेश में सिम्स के अधीक्षक डॉ. भानु प्रताप सिह को सिम्स से तबादला कर जगदलपुर शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय भ्ोज दिया गया है। गौरतलब है कि बीपी सिंह को चार माह पहले ही सिम्स अस्पताल का चिकित्सा अधीक्षक बनाया गया था।
० पूर्व अधीक्षक डॉ. मूर्ति गए अंबिकापुर
सिम्स की स्थापना के समय से मेडिकल कॉलेज में प्राध्यापक और 7 साल से अधिक समय से सिम्स के अधीक्षक रहे डॉ.रमणेश मूर्ति का तबादला कर अंबिकापुर शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय भ्ोज दिया गया है। इन पर फर्जी भर्ती का भी आरोप है। जिस पर अभी एसआईटी की जांच चल रही है