सिम्स प्रबंधन की जिम्मेदारी किसे मिलेगी दौड़ में तीन चहरे आ रहें सामने
बिलासपुर। सिम्स प्रबंधन की जिम्मेदारी किसे मिलेगी इसके लिए कवायद शुुरु हो गई है। वर्तमान में तीन चेहरे डॉ.अविनाश मेश्राम , डॉ. आरती पांडे या फिर वर्तमान में अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल अधीक्षक डॉ. रविकांत दास टिकी है । शासन के समक्ष चयन करना एक चुनौती बनी हुई है। क्योंकि सिम्स मेडिकल कॉलेज की डूबती नैया को पार लगाने काबिल डॉक्टर की आवश्यकता है। सिम्स अस्पताल में आगजनी की घटना के जिम्मेदार कौन है इस पर फिलहाल पर्दा डला हुआ है । हालांकि कलेक्टर की जांच टीम ने शॉट सर्किट को वजह बताया जरूर है किन्तु कार्रवाई की गाज सिम्स मेडिकल कॉलेज के उच्च पदों पर बैठे दिग्गजों पर गिरी है जिसमें अधीक्षक तथा पूर्व अधीक्षक शामिल हैं । जिन लोगों ने जिम्मेदारी संभाली जरूर थी मगर जवाबदारी लेने से पल्ला झाड़ लेते रहे है । जिनके नज़रअंदाजी के कारण 15० सीटों की मेडिकल कॉलेज सौ सीटों में सिमट कर रह गई । जब भी एमसीआई ने निरीक्षण किया तो केवल अस्पताल में फैली उपचार की व्यवस्था और सफ सफाई दुरुस्त करने की चेतावनी दी । फिर भी एमसीआई के निर्देशों को दरकिनार कर लापरवाह बने रहे। जिसका परिणाम भर्ती घोटाले से लेकर आगाज हुई कहानी का अंजाम आगजनी जैसी बड़ी घटना पर जाकर ख़त्म हुई। सिम्स की वर्तमान स्थिति डूबती हुई नैय्या की तरह है जिसे किनारे तक ले जाने के लिए एक काबिल डॉक्टर की आवश्यकता है। इसके लिए सिम्स अस्पताल में बतौर एमएस रहते हुए अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज की जिम्मेदारी सम्भालने वाले डॉक्टर आरके दास को जिम्मेदारी देने के कयास लगाये जा रहे है। किन्तु अधीक्षक की दौड़ में फ़ेरबदल होकर तबादला हुए जगदलपुर स्व. बलीराम कश्यप मेडिकल कॉलेज के प्राध्यापक डॉ. अविनाश मेश्राम और डॉ. आरती पांडे भी शामिल है । अभी इन नामों पर स्वास्थ्य मुख्यालय ने विचार नही किया है । सिम्स की दयनीय स्थिति को देखते हुए कायाकल्प की सख्त आवश्यकता है ताकि अस्पताल में आये हुए मरीजों को उपचार की बुनियादी सुविधाएं मिल सके ।
मनमर्जी से डñूटी करने वालों को होगी परेशानी
सिम्स में उच्च पदों पर फ़ेर बदल के बाद विभाग में पदस्त होते हुए भी ड्यूटी अपने मनमर्जी के मुताबिक़ काम करने वाले चमचों की शामत आ गई है जो अधिकारी का रौब दिखाकर धौस जमाते थे । वहीं तबादला होने के बाद डॉक्टर डीन कार्यालय में रिलीव पत्र लेने जमे रहे ।