जेल में दो कैदियों की मौत, विपक्ष ने गृहमंत्री को घेरा
रायपुर.विधानसभा के बजट सत्र में चौथे दिन जांजगीर-चांपा में दो कैदियों की मौत के मामले में विपक्ष ने गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को जमकर घेरा। गृहमंत्री से इस मामले की विधानसभा समिति या प्रश्न संदर्भ समिति से जांच कराने की मांग पर अड़े रहे। विधानसभा अध्यक्ष ने मामले में लिखित जानकारी देने पर जांच पर विचार का आश्वासन दिया, तब मामला शांत हुआ।
बसपा विधायक केशव चंद्रा ने जांजगीर-चाम्पा जेल में मृत कैदी गौरव तंबोली का मुद्दा उठाया। श्री चंद्रा के मुताबिक मृत कैदी की पत्नी ने शिकायत की है कि जेलर की लापरवाही से कैदी की मृत्यु हुई। बीमार कैदी को वक्त पर इलाज नहीं मिला। इस पर गृहमंत्री ने कहा कि विचाराधीन कैदी गौरव तंबोली 5 अगस्त 2018 को जेल दाखिल हुआ था। 8 जनवरी को तबीयत बिगड़ने पर जेल में डॉ. एनके ध्रुव ने बंदी का उपचार किया। बंदी स्वस्थ था। रात में तबीयत बिगड़ने पर उसे जिला जेल से 9 किमी दूर अस्पताल में दाखिल कराया गया। जहां उपचार के दौरान रात साढ़े 9 बजे मृत घोषित किया गया। इस पर बसपा विधायक केशव चंद्रा ने कहा कि प्रश्नवधीन अवधि में दो मौतें हुई है। जेल में नरेंद्र बरे नाम के कैदी की भी मौत प्रश्नावधीन अवधि में हुई थी। सदन में गृहमंत्री एक ही कैदी का जिक्र कर रहे हैं। बसपा विधायक केशव चंद्रा के सवाल पर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने बताया कि 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2017 तक 53 और 1 अप्रैल 2017 से लेकर 31 मार्च 2018 तक कुल 57 कैदियों की मृत्यु हुई।
वहीं छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कहा कि यह सामान्य घटना नहीं है। जेल में मृत्यु हुई है। सदस्य जिन कैदियों की मृत्यु हुई है, उनका नाम भी बता रहे हैं। ऐसी स्थिति में सच्चाई का पता लगाने आसंदी जांच का फैसला ले। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि इस मामले में किसी तरह की जांच की जरूरत नहीं है। सदन को किसी तरह से गुमराह नहीं किया जा रहा है। वर्षवार जानकारी मैंने सदन में दे दी है। वहीं इस पर विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत ने कहा कि सदस्य विधिवत जानकारी लिखकर दें, यदि हमें उपयुक्त लगेगा तो हम जांच के लिए विचार करेंगे।
प्रश्न संदर्भ समिति से जांच की मांग उठी
वहीं भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि मंत्री के जवाब में विरोधाभास है। ये गंभीर मामला है, इसे सदन की समिति से जांच कराई जानी चाहिए। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रश्नावधीन अवधि में दो कैदी की मौत हुई है। शासन की ओर से गलत जानकारी मुहैया कराना विधानसभा का अपमान है। अधिकारियों ने मंत्री को गलत जानकारी दी है। विधानसभा को गुमराह किया गया है। इस मामले को विधानसभा अध्यक्ष प्रश्न संदर्भ समिति को भेज दें। वहीं नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि हम सभापति से यही अपेक्षा करते हैं कि सदन की समिति से जांच कराई जानी चाहिए।