15 के बाद छत्तीसगढ़ में भाजपा बदल सकती है प्रदेश अध्यक्ष का चेहरा
रायपुर। छत्तीसगढ़ में भाजपा नेतृत्व विधानसभा में हार के कारण निचले स्तर पर कार्यकर्ताओं के आक्रोश से विचलित है। यही कारण है कि प्रदेश अध्यक्ष बदलने की सुगबुगाहट तेज हो गई है। चर्चा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के प्रदेश दौरे के बाद यहां पार्टी की कमान किसी अन्य नेता को दी जा सकती है। शाह 15 फरवरी को रायपुर आ रहे हैं। फिलहाल धरमलाल कौशिक प्रदेश अध्यक्ष के साथ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
शाह यहां संगठन की बैठक लेकर लोकसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेंगे। इसी दौरान प्रदेश के नेताओं से पार्टी के नए अध्यक्ष को लेकर भी रायशुमारी करेंगे। भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी नेतृत्व बदलने की सहमति बन चुकी है। अब सिर्फ अंतिम एलान का इंतजार किया जा रहा है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के लिए कई दावेदार हैं। सबसे ऊपर केंद्रीय राज्य मंत्री विष्णुदेव साय का नाम चल रहा है। साय पहले अध्यक्ष रहे चुके हैं। चर्चा है कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह उनके नाम की वकाल कर रहे हैं। इसके अलावा पार्टी राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष रामविचार नेताम का नाम भी लिया जा रहा है। दौड़ में आदिवासी नेता व पूर्व मंत्री केदार कश्यप भी शामिल हैं।
पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और राजेश मूणत भी अध्यक्ष बनने की कतार में हैं। बताया जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर पिछले महीने दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ही चर्चा हो चुकी है। हालांकि तब एलान नहीं किया गया।
लोकसभा चुनाव सामने है इसलिए प्रदेश अध्यक्ष का चयन भी चुनावी गुणाभाग को ध्यान में रखकर किया जाएगा। प्रदेश में आदिवासी, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग की बहुलता है। धरमलाल कौशिक को पिछड़े वर्ग के नेता के तौर पर मौका मिला था। अब आदिवासी या अनुसूचित जाति के नेता को पार्टी की कमान मिल सकती है।