छत्तीसगढ़

बलरामपुर – वाहनों में आगजनी कर उत्पात मचा रहे थे नक्सली, पुलिस ने पाँच को किया गिरफ्तार

बलरामपुर। जिले में पहले बाक्साईट माईन्स और सड़क निर्माण में लगे वाहनों को आगजनी कर दहशत फैलाने की कोशिश कर रहे नक्सलियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की टीम ने 5 नक्सलियों को गिरफ्तार किया है और इनके पास से भारी मात्रा में हथियार और नक्सली सामग्री भी जब्त किया है। गिरफ्तार किए गए नक्सली कुछ बलरामपुर जिले के सबाग के रहने वाले हैं तो कुछ झारखंड के रहने वाले हैं।
सरगुजा आईजी हिमांशु गुप्ता ने बताया कि इनका मुख्य उद्देश्य लेवी वसूली और दहशत फैलाना था। पुलिस अब इनके सरगना की जल्द गिरफ्तारी की बात कह रही है। लगभग एक दशक तक नक्सली का दंश झेल चुके बलरामपुर जिले में पिछले कुछ सालों से लोग चैन की सांस ले रहे थे लेकिन साल 2019 की शुरुआत में ही लगातार हुए दो नक्सली घटनाओं ने सबका चैन छिन लिया था। पहले सामरी थाना क्षेत्र में 3 जनवरी को नक्सली उत्पात उसके बाद 25 जनवरी को चांदो थाना क्षेत्र में नक्सली उत्पात ने पुलिस के लिए चुनौती खड़ी कर दी थी। लगातार हुई वारदातों के बाद पुलिस की टीम हरकत में आई और पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा ने खुद इसमें संज्ञान लेते हुए मोर्चा संभाला, सारे मुखबिर अलर्ट किए गए और फिर सायबर सेल की टीम ने अपना काम शुरु किया।
नक्सलियों का मुख्य ध्येय लेवी वसूलना था इसलिए वे लगातार ठेकेदार के साथ फोन से संपर्क में थे। पुलिस को इसी का फायदा मिला और पुलिस ने सामरी थाना क्षेत्र में रहने वाले नक्सली साथी बालेश्वर को हिरासत में लिया। बालेश्वर को हिरासत में लेने के बाद पुलिस की कार्रवाई आगे बढ़ी और उसी की निशानदेही पर पुलिस ने चार ओर नक्सलियों को पकड़ने में सफलता हासिल किया। आईजी ने बताया की नक्सली घटना को बिल्कुल नौसिखये अंदाज में अंजाम दिया गया था। उनके द्वारा छोड़े गये पर्चे में लिखी गई बात भी बिल्कुल नई थी। आईजी के निर्देश पर पुलिस की टीम ने इन्हीं बातों पर कार्रवाई शुरु की और ठेकेदारों से पूछताछ में पता चला कि वारदात को अंजाम देने के बाद नक्सली लगातार पैसे की मांग के लिए इनके संपर्क में थे।
आईजी ने बताया की पुलिस के बढ़ते दबाव के कारण नक्सलियों के पास पैसे की काफी तंगी हो गई थी और उनका मुख्य काम लेवी वसूलना था। पुलिस और सायबर की टीम ने पांच नक्सली बालेश्वर, गुड्डू तिग्गा, चिंतामणी यादव, सतीस यादव और संतोष यादव की गिरफ्तारी की। उनसे पूछताछ में पता चला की इनका मास्टरमाईड झारखंड का रहने वाला रंजन यादव है। उसी ने इनको अपने पास बुलाकर पहले मीटिंग ली और फिर पूरा षडयंत्र रचा। आईजी ने बताया की रंजन यादव पूर्व में कई नक्सली संगठन पीएलएफआई,एमसीसी,टीएसपीसी में काम कर चुका है और गिरफ्तार किए गए नक्सली भी इन्ही संगठनों में काम करते थे। पुलिस ने नक्सलियेां के पास से 4 देशी कट्टा,19 नग जिंदा कारतूस, 5 जोड़ी वर्दी, तीनों नक्सल संगठन के 180 नग पर्चा और पीएलएफएफआई का एक रसीद बुक जब्त किया है। पुलिस ने उनके पास से लुटे गये दो मोबाईल और दो सिम भी जब्त किया है।

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