छत्तीसगढ़ में शराब टेंडर के दौड़ में कई कंपनियां, होगी राजस्व में बढ़ोत्तरी
रायपुर। सरकार बदलने के बाद जहां राज्य में शराबबंदी मुद्दा बन गया है वहीं दूसरी ओर नए वित्तीय वर्ष में शराब की खपत बढ़ने के आसार हैं। आगामी वर्ष के लिए बेवरेज कार्पोरेशन के पास नई कंपनियों ने ओपन टेंडर में पर्चा भरा है। ब्रांड बढ़ते ही शराब की बिक्री बढ़ेगी। पहले सेमी ब्रांड की शराब ही काउंटर पर मिला करती थी।
ठेका पद्धति समाप्त होने के बाद ओपन टेंडर में नई-नई कंपनियों ने पिछले साल हाथ आजमाया। नतीजतन मदिरा प्रेमियों को ऐसे ब्रांड मिले जो कभी चलन में नहीं थे। इस साल चर्चा रही कि काउंटर से सेमी ब्रांड गायब कर लोकल ब्रांड की शराब बेची जा रही है।
अधिकारियों ने बताया कि दरअसल यह लोकल ब्रांड नहीं है बल्कि नई कंपनियों के प्रोडेक्ट हैं। बड़े ब्रांड की शराब देने वाली कंपनियों से प्रतिस्पर्धा में छोटी कंपनियों ने जगह बनाई है। पिछले साल 40 से ज्यादा कंपनियों के ब्रांड बेचे गए थे। दिसंबर में चार से पांच नई कंपनियों के पर्चा भरने की खबर है।
माना जा रहा है कि जितनी कंपनियां बढ़ेंगी, उतनी ही ब्रांड में इजाफा होगा। इससे शराब की खपत बढ़ेगी। आधिकारिक तौर पर कंपनियों के बढ़ने की कोई पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन जिले में पिछले साल जारी किए गए परमिट के हिसाब से खपत बढ़ने के पूरे आसार हैं। कंपनियों की संख्या पहले से ज्यादा है। इधर नई कंपनियों ने अब पर्चा भरा है। इस मामले पर आबकारी आयुक्त कमलप्रीत सिंह से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन बात नहीं हो पाई