छत्तीसगढ़

मौत के 109 साल बाद हुआ शहीद का अंतिम संस्कार, जानें- आखिर क्यों इतने वर्ष रखी रहीं अस्थियां?

रायपुर/ बलरामपुर. छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में एक शहीद का अंतिम संस्कार उसकी शहादत के करीब 109 साल बाद किया गया. साल 1913 में ब्रिटिश सरकार के शासन काल में बलरामपुर जिले के लाकुंड नगेशिया किसान की शहादत हुई थी. नगेशिया समाज के लोग लम्बे समय से उनकी अस्थियों की मांग कर रहे थे. लाकुंड की शहादत के बाद उनकी अस्थियों को सरगुजा के एक सरकारी स्कूल में अंग्रेजों ने रखवा दिया था. आदिवासी समाज के लोगों को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने स्थानीय विधायक व संसदीय सचिव चिन्तामणी महराज व अन्य जनप्रतिनिधियों से अस्थियों की मांग की.

सरकारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद शहीद की अस्थियों को समाज के लोगों को सौंपने का निर्णय लिया गया. 4 फरवरी 2022 को बलरामपुर जिले में संसदीय सचिव चिन्तामणी महाराज, पूर्व राज्य संभा सासंद नंदकुमार साय, जिला पंचायत सदस्य अंकुश सिंह खैरवार, नगेशिया समाज सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि अंतिम संस्कार कार्यक्रम में शामिल हुए. सामरी पाठ में शहीद का अंतिम संस्कार उकनी मौत के 109 साल बाद किया गया.

किसानों के लिए संघर्ष करते हुए थे शहीद
दरअसल आदीवासी नगेशिया किसान का कहना है कि अंग्रेजी शासन काल में लाकुड नगेशिया की अंग्रेजों के सैनिकों ने उनकी हत्या कर दी थी. इसके बाद उनके अस्थियों को सरगुजा के एक स्कूल में रखवा दिया था. समाज के लोगों ने बताया कि वे अंग्रेजों के खिलाफ असहयोग आन्दोलन में शामिल हुये थे. सामरी पाठ में अकाल पड़ा था फिर भी अंग्रेजों द्वारा लगान वसुलना बंद नहीं किया गया. इसके बाद लांकुड ने अंग्रेजों के खिलाफ अवाज उठाई और अंग्रेज उनकी हत्या कर दी. जब समाज के लोगों को पता चला कि उनकी अस्थियां सरगुजा के एक स्कूल में रखी हैं. तब से वे शासन प्रशासन मांग कर रहे थे.

संसदीय सचिव चिन्तामणी ने बताया कि 1913 का यह मामला था. तब से लोग लगे थे, लेकिन मेरे विधायक बनने के बाद मुझसे समाज के लोगों ने अस्थियों की मांग शुरू कर दी. कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को मामले की जानकारी दी. सरगुजा कलेक्टर को आवेदन दिया गया. इसके बाद शासन-प्रशासन के सहयोग से अस्थियां मिलीं और उनका विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया गया. (news18.com)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button