भूपेश सरकार ने पंचायतों से छीना रेत खनन का काम, सीएमडीसी को सौंपी जिम्मेदारी
पंचायतों का राजस्व 25 फीसदी बढ़ाया जाएगा, अधिकतम राजस्व पर एनएमडीसी देगा रॉयल्टी
रायपुर। प्रदेश में रेत खनन का अधिकार अब पंचायतों से ले लिया गया है। पंचायतों की जगह अब सीएमडीसी खनन कार्य देखेगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सदन में इसकी घोषणा की। साथ ही उन्होंने कहा कि पंचायतों का राजस्व 25 त्न बढ़ाया जाएगा। 5 साल में पंचायतों को जो अधिकतम राजस्व मिला है, उसका 25त्न ज़्यादा राजस्व एनएमडीसी उन्हें देगी।
कांग्रेस विधायक धनेंद्र साहू ने अवैध रेत खनन का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पिछली सरकार में भी हम ये बार-बार कहते थे कि इसे रोकने के लिए नीति बनाई जाए। जब अनाधिकृत और अवैधानिक ठेके हो रहे हैं तो इस पर रोक लगे। पिछले कुछ सालों से छत्तीसगढ़ में रेत खनन का अधिकार पंचायतों का दिया गया था। इसका मकसद पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाना था, लेकिन इसका फायदा पंचायतों को मिलने के बजाय कुछ माफिया उठा रहे थे। अवैध उत्खनन का काम लगातार चल रहा था।
ध्यानाकर्षण में बृहस्पत सिंह ने अवैध वसूली करने का गंभीर आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की थी। राज्य सरकार की तरफ से उसी सवाल के जवाब में बताया कि दूसरे प्रदेशों में परिवहन पर भी अब सख्ती से नजर रखी जायेगी। रेत माफियाओं पर लगाम लगाने सरकार ने एक बड़ा ऐलान किया है। अब पंचायत नहीं बल्कि सीएमडीसी रेत खदानों का संचालन करेगी। रेत खनन में माफियाओं के बढ़ते दखल को देखते हुए अब राज्य सरकार ने ये फैसला लिया है कि रेत का खनन का अब पंचायत नहीं करेगा। बल्कि सीएमडीसी के जरिये खनन का कराया जायेगा। और जितनी रॉयल्टी पंचायतों को मिला करती थी, उससे 25 फीसदी राशि को बढााकर रॉयल्टी पंचायतों को उपलब्ध करायी जायेगी।वर्तमान में 300 रेत खदानें है। कलेक्टरों को रेत खदानों के चिन्हांकन के लिए आदेश दिया जाएगा। रेत की कीमत घटाने-बढ़ाने पर भी विचार किया जाएगा। सदन से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ऐलान करते हुए कहा कि इस संबंध में आज शाम ही आदेश जारी कर दिया जाएगा।