आपसी सहमति से आदिवासियों की जमीन लेने का नियम खत्म करेगी सरकार
सत्र के दौरान भू राजस्व संहिता संशोधन विधेयक आएगा
रायपुर। राज्य सरकार ने भूराजस्व संहिता में संशोधन का फैसला करते हुए पिछले सरकार के उस फैसले को निरस्त करने का निर्णय लिया है, जिसमें कलेक्टर की अनुमति से आदिवासियों की जमीन लेने का नियम था। बैठक में उन फैसलों को लेकर कैबिनेट का अनुमोदन लिया गया। पहले ही घोषिणा की जा चुकी है।
कैबिनेट की बैठक गुरूवार को विधानसभा परिसर में हुई। कैबिनेट की फैसलों की जानकारी देते हुए कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने बताया कि बैठक में सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिये हैं। भू-राजस्व संहिता के तहत आपसी सहमति से आदिवासियों की जमीन लेने का नियम था उसे खत्म करने का फैसला आज राज्य सरकार ने लिया है।
उन्होंने बताया कि सरकार ने आंगनबाड़ी केन्द्रों में आने वाले बच्चों को दूध और अंडा देने का निर्णय लिया है, इसके तहत हफ्ते में दो दिन दूध दिया जाएगा। 30 नवंबर 2018 तक के सार्वजनिक बैंकों के अल्पकालीन ऋण माफ करने का फैसला सरकार ने लिया था। कैबिनेट ने आज बैंकों से किसानों द्वारा लिये गये अल्पकालीन ऋण को माफ करने को भी मंजूरी दे दी है। श्री चौबे ने बताया कि कोआपरेटिव बैंक स्किल ऑफ फाइनेंस के लिमिट में माफ करने की प्रक्रिया को अपनाया जायेगा। उन्होंने बताया कि 400 यूनिट तक के बिजली बिल को हाफ किये जाने को भी मंजूरी दे दी है। राजीव आवास योजना के तहत नगरीय निकायों में दिये गये पट्टों के नियमितीकरण करने और रेत खदानों का संचालन सीएमडीसी द्वारा किये जाने के निर्णय को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।
नगरीय निकायों में नामित होंगे दिव्यांग
दिव्यांग लोगों के लिए राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि नगरीय निकाय या नगरीय पंचायत के चुनाव में अगर कोई दिव्यांग चुनकर नहीं आता है, तो राज्य सरकार पार्षद के तौर पर दिव्यांग को नामित करेगी और कोशिश ये रहेगी की उनमें 50 फीसदी महिलाओं की उपस्थिति हो।
मध्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण को मंजूरी
वहीं प्राधिकरण को लेकर राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि सरगुजा और बस्तर के तर्ज पर मध्य क्षेत्र में आदिवासी विकास प्राधिकरण का गठन किया जायेगा। मध्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण में रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर के अधिसूचित क्षेत्रों को शामिल किया जायेगा। इसके अध्यक्ष सरकार द्वारा नामित आदिवासी विधायक होंगे, वहीं दो उपाध्यक्ष होंगे।