आतंकियों पर कहर बनकर बरसी भारतीय वायु सेना, PAK में घुसकर जैश को किया तबाह
भारतीय वायु सेना ने मंगलवार सुबह साढ़े 3 बजे पाकिस्तान में घुसकर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद पर बड़ी कार्रवाई की है। इस ऑपरेशन में 12 मिराज 2000 लड़ाकू विमान ने हिस्सा लिया और एलओसी के पार आतंकी कैंपों पर 1000 किलोग्राम बम गिराए। वायु सेना के सूत्रों अनुसार, कैंपों को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया। सूत्रों का कहना है कि वायुसेना के हवाई हमलों में एलओसी के पार बालाकोट, चाकोटी और मुजफ्फराबाद में आतंकी लॉन्च पैड्स पूरी तरह से नष्ट हो गए। जैश-ए-मोहम्मद का कंट्रोल रूम भी नष्ट कर दिया गया है।
सूत्रों का कहना है कि आतंकी संगठनों जैश, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन के संयुक्त प्रशिक्षण शिविरों को निशाना बनाया गया है। भारतीय सेना के सूत्रों का कहना है कि जेट विमानों ने बालाकोट में लगभग 3.45 बजे, मुजफ्फराबाद में 3.48 बजे और चाकोटी में लगभग 3.58 बजे प्रशिक्षण शिविरों पर हमला किया। हमले में जैश के अल्फा-3 कंट्रोल रूम को नष्ट कर दिया।
पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत का एक शहर बालाकोट, नियंत्रण रेखा से लगभग 50 किमी (31 मील) दूर है। भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान वायु सेना द्वारा किसी भी संभावित कार्रवाई का जवाब देने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी के साथ-साथ सभी वायु रक्षा प्रणालियों को हाई अलर्ट पर रखा है। मिराज जेट के अलावा, भारतीय वायु सेना के सुखोई जेट का भी हवाई हमले में इस्तेमाल किया गया। अगर इनकी आवश्यकता होती तो, अन्य जेट किसी भी कवर के लिए मौजूद थे।
भारतीय वायु सेना की कार्रवाई पर भारत सरकार ने क्या कहा
भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया है कि भारतीय वायुसेना ने ख़ुफ़िया जानकारी के बाद नियंत्रण रेखा पार कर जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े कैंप को तबाह कर दिया है.
विदेश सचिव ने मंगलवार तड़के हुई कार्रवाई के बारे में ये जानकारी दीः
विश्वसनीय सूचना मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद देश के दूसरे हिस्सों में आत्मघाती हमले की तैयारी कर रहा था और इसके लिए फ़िदायीन जिहादियों को प्रशिक्षण दिए जा रहे थे.
ऐसे में किसी संभावित हमले को रोकने के लिए जवाबी कार्रवाई करना बिल्कुल ज़रूरी हो गया.
मंगलवार तड़के भारत ने बालाकोट में जैश के सबसे बड़े ट्रेनिंग कैंप को निशाना बनाया.
इस अभियान में जैश के चरमपंथियों, प्रशिक्षकों, वरिष्ठ कमांडरों और वहाँ प्रशिक्षण ले रहे जिहादियों को ख़त्म कर दिया गया.
बालाकोट के इस कैंप का मुखिया मौलाना यूसुफ़ अज़हर उर्फ़ उस्ताद ग़ौरी था जो कि जैश प्रमुख मसूद अज़हर का संबंधी है.
इस हमले में विशेष तौर पर केवल जैश के शिविर को निशाना बनाया गया और विशेष ध्यान रखा गया कि आम लोग इसकी चपेट में ना आएँ.
ये कैंप घने जंगलों में एक पहाड़ी पर था जो आम आबादी वाले इलाक़े से दूर है.
ये हमला थोड़ी देर पहले हुआ है इसलिए अभी विस्तृत ब्यौरे की प्रतीक्षा की जा रही है.
14 फरवरी 2019 को पुलवामा में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने आत्मघाती हमला किया था, जिसमें भारतीय सेना के 40 जवान मारे गए थे.
जैश-ए-मोहम्मद पिछले दो दशक से पाकिस्तान में सक्रिय है और इसका नेतृत्व मसूद अज़हर कर रहा है जिसका मुख्यालय बहावलपुर में है.
इस संगठन ने कई हमलों को अंजाम दिया है, जिसमें भारतीय संसद, पठानकोट का हमला शामिल है.
इनके ट्रेनिंग कैंप पाकिस्तान और “पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर” में चलते हैं, जिसे पाकिस्तान समय-समय पर जगह मुहैय्या कराता आया है, हालांकि पाकिस्तान संगठन के अस्तित्व को ख़ारिज करता रहा है.
इन कैंपों में हज़ारों जिहादियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है, जो बिना पाकिस्तान की सरकार की जानकारी से संभव नहीं है.