छत्तीसगढ़

जिले में निजी नलकूप खनन एवं पावर पंप स्थापना पर रोक

बिलासपुर । बिलासपुर जिले में आगामी ग्रीष्म ऋतु को ध्यान में रखते हुए पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु छत्तीसगढ़ पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा-03 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग करते हुए कलेक्टर डाॅ.संजय अलंग द्वारा संपूर्ण जिले को मानसून आगमन तक जलाभाव ग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया गया है।
जिले में मानसून तक सक्षम अधिकारी की पूर्वानुमति के बिना कोई नया नलकूप पेयजल अथवा पेजजल के अलावा किसी अन्य प्रयोजन के लिये खनन नहीं किया जा सकेगा। लेकिन शासकीय एजेंसी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को संपूर्ण जिले में तथा नगर पालिक निगम एवं नगर पंचायतों को केवल पेयजल हेतु अपने नगरीय निकाय की सीमा के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में नलकूप खनन हेतु अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। उन्हें केवल इस अवधि में खनन कराये गये नलकूपों की जानकारी प्राधिकृत अधिकारी को भेजना होगा। किसी व्यक्ति या एजेंसी द्वारा अधिनियम का उल्लंघन करते हुए नलकूप खनन करना पाया जाता है तो उसके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
जनसुविधा को ध्यान में रखते हुए नलकूप खनन हेतु अनुमति प्रदान करने के लिये प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किया गया है। अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी बिलासपुर को बिलासपुर नगर निगम सीमा के तहत आने वाले क्षेत्र, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बिलासपुर को राजस्व अनुविभाग बिलासपुर के तहत आने वाले क्षेत्र, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बिल्हा को राजस्व अनुविभाग बिल्हा के तहत आने वाले क्षेत्र, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मस्तुरी को राजस्व अनुविभाग मस्तुरी के तहत आने वाले क्षेत्र, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कोटा को राजस्व अनुविभाग कोटा के तहत आने वाले क्षेत्र और अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) गौरेला कोे राजस्व अनुविभाग गौरेला के तहत आने वाले क्षेत्र के लिये प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किया गया है।

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