भारत-पाक युद्ध जैसी आपात स्थिति से निपटने दुर्ग में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल, 15 मिनट का ब्लैकआउट
भारत-पाक युद्ध जैसी आपातकालीन स्थिति से निपटने की तैयारियों के तहत मंगलवार शाम दुर्ग जिले में व्यापक

दुर्ग। भारत-पाक युद्ध जैसी आपातकालीन स्थिति से निपटने की तैयारियों के तहत मंगलवार शाम दुर्ग जिले में व्यापक सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। शाम 7:30 बजे सायरन बजने के साथ ही पूरे जिले में 15 मिनट के लिए ब्लैकआउट कर दिया गया। घरों, दुकानों और कार्यालयों की बिजली बंद कर दी गई, वहीं सड़कों पर चल रहे वाहनों की हेडलाइट्स बुझाकर उन्हें रोक दिया गया। यह अभ्यास शाम 7:45 बजे ‘ऑल क्लियर सिग्नल’ के साथ समाप्त हुआ।
मॉक ड्रिल प्रमुख स्थानों जैसे सिविक सेंटर चौक, सेक्टर-9 चौक, ग्लोब चौक, 25 मिलियन चौक और इक्यूपमेंट चौक सहित पूरे जिले में आयोजित की गई। भिलाई इस्पात संयंत्र (BSP) की सुरक्षा के मद्देनजर टाउनशिप क्षेत्र में भी पूर्ण ब्लैकआउट लागू किया गया।
अभ्यास का उद्देश्य नागरिकों को आपातकालीन स्थितियों के लिए जागरूक करना और प्रशासन की तैयारियों की समीक्षा करना था। इस दौरान लोगों को घरों में सुरक्षित स्थान पर रहने, ज़मीन पर लेटने, दांतों के बीच कपड़ा दबाने और दोनों कानों को हाथों से ढकने की सलाह दी गई। सोशल मीडिया, व्हाट्सएप और माइकिंग के माध्यम से जनजागरूकता अभियान चलाया गया।
भिलाई इस्पात संयंत्र में जिला प्रशासन के निर्देश पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सीआईएसएफ और संयंत्र के विभिन्न विभागों ने संयुक्त रूप से आपदा प्रबंधन अभ्यास किया। संयंत्र के मानव संसाधन विकास विभाग, रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल और ब्लास्ट फर्नेस-7 के सामने वेलफेयर बिल्डिंग में यह अभ्यास किया गया। आपात स्थिति की घोषणा होते ही विभाग के महाप्रबंधक ने इंसीडेंट कंट्रोलर की भूमिका निभाई और संबंधित एजेंसियों को स्थिति की जानकारी दी।
अभ्यास के दौरान एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड और अन्य एजेंसियों ने घायलों को सुरक्षित निकालकर प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराया और उन्हें एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाया। पूरी प्रक्रिया तय प्रोटोकॉल के अनुसार संचालित की गई और इसकी निगरानी करते हुए खामियों को चिन्हित किया गया ताकि भविष्य में तैयारियों को और बेहतर बनाया जा सके।
रेल चौक, सूर्या मॉल और अन्य स्थानों पर भी पुलिस प्रशासन के सहयोग से मॉक ड्रिल की गई। संयंत्र प्रबंधन ने बताया कि इस तरह के अभ्यासों का उद्देश्य आपदा की स्थिति में त्वरित और समन्वित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है। संयंत्र में सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और समय-समय पर इस प्रकार की मॉक ड्रिल की जाती है।
राष्ट्रव्यापी अभियान के अंतर्गत जिलेभर में विद्युत आपूर्ति रोकी गई, हालांकि सेक्टर-1 और सेक्टर-9 अस्पतालों को इससे अलग रखा गया। नागरिकों से जनरेटर, इन्वर्टर और टॉर्च जैसे उपकरणों का प्रयोग न करने की अपील की गई। इस मॉक ड्रिल की योजना गोपनीयता के साथ बनाई गई थी ताकि वास्तविक आपदा जैसी स्थिति का प्रभावी आकलन किया जा सके।



