छत्तीसगढ़

एनएचएमएमआई अस्पताल ट्रस्ट का विवाद बढ़ा, नई कार्यकारिणी एक-दो दिनों में काम संभालेगी- धाड़ीवाल

रायपुर। लालपुर स्थित एनएचएमएमआई अस्पताल प्रबंधन का विवाद विवाद बढ़ गया है। हालांकि रजिस्ट्रार फर्म एण्ड सोसायटी के फैसले के बाद नए पदाधिकारियों ने अस्पताल का संचालन अपने हाथों में लेने का फैसला लिया है। अस्पताल ट्रस्ट के पदाधिकारी महेन्द्र धाड़ीवाल ने कहा कि एक-दो दिन के भीतर काम संभाल लेंगे।
धाड़ीवाल ने बताया कि रजिस्ट्रार फर्म एण्ड सोसायटी के आदेश के बाद ट्रस्ट का बकायदा चुनाव भी हो गया है। लूनकरण जैन समिति के अध्यक्ष बनाए गए हैं, जबकि वे खुद (महेन्द्र धाड़ीवाल) सचिव के पद पर हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पुराने पदाधिकारियों ने रजिस्ट्रार फर्म एण्ड सोसायटी के आदेश को चुनौती भी दी थी, जो कि खारिज हो गया है। धाड़ीवाल ने यह भी कहा कि एक-दो दिन के भीतर नई कार्यकारिणी काम संभाल लेगी।
दूसरी तरफ, एनएचएमएमआई अस्पताल ट्रस्ट के सचिव रामअवतार अग्रवाल ने रजिस्ट्रार फर्म एण्ड सोसायटी के आदेश को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि इस फैसले के खिलाफ अपील भी की गई है। आगे कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी। उन्होंने बताया कि एमएमआई ट्रस्ट का गठन वर्ष-88-89 में किया गया था। तब तीन लाख से 11 लाख रूपए लेकर सदस्य बनाए गए और अस्पताल का निर्माण हुआ। अस्पताल बहुत अच्छे से चला। बाद में गड़बड़ी घोटाले के कारण अस्पताल की स्थिति खराब हो गई है। बाद में नई कार्यकारिणी ने ट्रस्ट को अपने हाथ में लेकर अच्छे से चलाया। अभी 18 से 20 करोड़ रूपए का फंड है। अस्पताल बेहतर चल रहा है। ट्रस्ट के विवाद को लेकर हाईकोर्ट ने विशेष सचिव स्तर के अफसर को विवाद की सुनवाई करने के आदेश दिए थे। इसके बाद डबल बैंच ने भी सिंगल बैंच के आदेश को यथावत रखा। कुछ सदस्य रजिस्ट्रार फर्म सोसायटी में अपील की और हाईकोर्ट के आदेश को नजर अंदाज कर रजिस्ट्रार ने सुनवाई की और एकतरफा आदेश पारित किया है। उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ अपील की जाएगी।
दूसरी तरफ, नए अध्यक्ष ने सोसाइटी का प्रभार लेने के लिए तमाम औपचारिकताएं भी पूरी कर ली है। श्री धाड़ीवाल ने कहा कि अब कोई विवाद नहीं रह गया है। इसलिए सभी सदस्यों के साथ मिलजुलकर एमएमआई का संचालन करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि फाउंडर मेंबरों की पहली कोशिश रियायती दरों पर जनता को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। नए पदाधिकारियों का एनएचएमएमआई में स्वास्थ्य सेवाओं की दरे काफी महंगी है। जबकि उन्होंने इस संस्था का गठन चैरेटी के लिए किया था ना कि लाभ के लिए। उनके मुताबिक एनएच और एमएमआई के बीच हुए करार की समीक्षा होगी। संतोषजनक नहीं पाए जाने पर इस करार को तोड़ा भी जा सकता है। बहरहाल, एमएमआई ट्रस्ट का विवाद और बढऩे के आसार दिख रहे हैं।

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