छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : मोदी और अमित शाह की चार सभाएं

रायपुर। छत्तीसगढ़ में भाजपा के रणनीतिकारों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की सभाओं में बड़ी संभावनाएं नजर आ रही हैं। भाजपा मोदी और शाह की चार सभाओं के माध्यम से प्रदेश की चुनावी फिजा को अपने पक्ष में करने की कवायद में जुटा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छह अप्रैल को बालोद में सभा प्रस्तावित है। भाजपा की राजनीति के जानकारों की मानें तो पीएम मोदी का बालोद से निकला संदेश दुर्ग, कांकेर और राजनांदगांव लोकसभा तक जाएगा। सभा के लिए इन तीनों लोकसभा क्षेत्र के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को जुटाने की तैयारी चल रही है। इसके साथ ही मोदी की रायगढ़ में सभा की तैयारी है।
रायगढ़ में मोदी की सभा से चार लोकसभा को कवर किया जाएगा। इसमें रायगढ़, सरगुजा, बिलासपुर और जांजगी-चांपा है। विधानसभा चुनाव की तरह मोदी की सभाओं को क्लस्टर के आधार पर कराया जा रहा है। ऐसे में एक सभा से तीन से चार लोकसभा को कवर किया जा रहा है।
विधानसभा चुनाव के परिणाम को देखें तो बिलासपुर और जांजगीर-चांपा लोकसभा में पार्टी को बेहतर जीत मिली है। वहीं, कांकेर, दुर्ग और राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र में आने वाली विधानसभा में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की दो सभाएं राजनांदगांव और महासमुंद में कराने की तैयारी है।
प्रदेश संगठन की ओर से भेजे प्रस्ताव में इन दो स्थानों पर सभा कराने का सुझाव है। शाह की राजनांदगांव में सभा से दो लोकसभा दुर्ग और राजनांदगांव को कवर किया जाएगा। पिछले लोकसभा चुनाव में सिर्फ दुर्ग लोकसभा में भाजपा को हार मिली थी। इसको देखते हुए मोदी और शाह का फोकस दुर्ग लोकसभा के वोटरों तक सीधे पहुंचने की है।
भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो अमित शाह की महासमुंद में सभा से कांकेर और महासमुंद लोकसभा को कवर करने का प्लान है। महासमुंद में भाजपा ने साहू उम्मीदवार को मैदान में उतारकर जातिगत समीकरण साधने की कोशिश की है। विधानसभा चुनाव में साहू समाज के वोटरों ने कांग्रेस का समर्थन किया था।
यही कारण है कि महासमुंद से कांग्रेस ने भी साहू उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। वहीं, दुर्ग लोकसभा में भी दोनों पार्टियों ने कुर्मी समाज से उम्मीदवार उतारा है। रायगढ़ में कंवर आदिवासी को कांग्रेस और भाजपा ने टिकट देकर मुकाबले को रोमांचक बनाने की कोशिश की है। प्रदेश की यह तीन सीट है, जहां एक ही समाज के नेता चुनाव मैदान में आमने-सामने हैं।

Related Articles

Back to top button