छत्तीसगढ़

वनमण्डलों में टेंडरों में अनियमितता ,चार टेंडर निरस्त

रायपुर । वनमण्डलों में टेंडरों में अनियमितता की शिकायत पर प्रधान वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी ने चार वनमण्डलों के टेंडर निरस्त कर दिए हैं। यहां नए सिरे से नियम तैयार कर निर्माण कार्य के लिए टेंडर बुलाए जाएंगे।
पिछले महीने कटघोरा, खैरागढ़, बलौदाबाजार और एक अन्य वनमण्डल में निर्माण कार्यों के लिए टेंडर हुआ था। इसको लेकर अलग-अलग स्तरों पर अनियमितता की शिकायत आई थी। बलौदाबाजार में यह हुआ था कि न्यूनतम दर कोड करने वाले को टेंडर नहीं मिला और ज्यादा दर वाले को टेंडर दे दिया गया। खैरागढ़ में भी गड़बड़ी की शिकायत आई थी।
कटघोरा में भी टेंडर नियमों को दरकिनार कर टेंडर जारी कर दिए थे। सूत्रों के मुताबिक इन तमाम शिकायतों पर वनमंत्री मोहम्मद अकबर से चर्चा के बाद पीसीसीएफ राकेश चतुर्वेदी ने टेंडर निरस्त करने के आदेश दिए हैं। वनमंत्री के निर्देश पर नए सिरे से टेंडर नियम बनाए जा रहे हैं, जिसमें टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता रहेगी। कहा जा रहा है कि एक-दो जगह इंदौर की कंपनी को तालाब खुदाई का ठेका दिए जाने पर भी आपत्ति जताई थी। इसी तरह खरीदी प्रक्रिया में भी कई जगह अनियमितता को लेकर शिकायत रही है। इसको लेकर भी पीसीसीएफ कार्यालय में सभी वनमण्डलों को नियमों को ध्यान में रखकर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
खैरागढ़ में अवैध उत्खनन की
जांच के लिए कमेटी बनी
खैरागढ़ वनमण्डल में अवैध कटाई की जांच के लिए एपीसीसीएफ पीसी पाण्डेय की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। बजट सत्र में खैरागढ़ के विधायक देवव्रत सिंह ने मामला उठाया। इसके जवाब में मंत्री मोहम्मद अकबर ने जांच के आदेश दिए थे।
बताया गया कि देवव्रत सिंह ने आरोप लगाया कि खैरागढ़ वनक्षेत्र में जितने भी मार्ग बने हैं या बन रहे हैं, इसके उपयोग के लिए मिट्टी, मुरम और पत्थर वन क्षेत्रों से अवैधानिक रूप से लाया गया है। जिसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही साथ खैरागढ़ वनमंडल क्षेत्र में लौह अयस्क के अवैध उत्खनन को लेकर भी शिकायत हुई थी, जिसकी जांच के लिए मंत्री ने घोषणा की थी। इन पूरे विषयों की जांच एक माह के भीतर करने के आदेश दिए हैं।

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