छत्तीसगढ़

अजजा महिला उद्यमियों के ऋण वितरण में कमी पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर अनुसूचित जाति-जनजाति महिला उद्यमियों के ऋण वितरण में कमी पर चिंता जताई है। उन्होंने बताया कि लक्ष्य से आधे से भी कम महिला उद्यमियों को ऋण हासिल हो पाया है। श्री बघेल ने इस पूरी प्रक्रिया के सरलीकरण का आग्रह किया है।
श्री बघेल ने अपने पत्र में बताया कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति तथा महिला वर्ग में उद्यमिता का विकास करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 15 अगस्त 2015 को स्टैण्डअप इंडिया योजना प्रारंभ की गई है। इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित व्यवसायिक बैंक की प्रत्येक शाखा को 1 अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति उद्यमी और 1 महिला उद्यमी को विनिर्माण क्षेत्र या व्यवसाय में नया उद्यम प्रारंभ करने के लिए 10 लाख से 1 करोड़ तक का ऋण दिया जाना अपेक्षित है।
उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा उपरोक्तानुसार निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति के लिए छत्तीसगढ़ में स्थित बैंक शाखाओं को वर्ष 2016-17, 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 के लिए क्रमश: 4300, 4300 तथा 4800 प्रकरणों में ऋण वितरित करना था। इस लक्ष्य के विरूद्ध अभी तक केवल 1870 प्रकरण (438.35 करोड़ रूपए) स्वीकृत किए गए है तथा केवल 1279 प्रकरणों में (160.29 करोड़ रूपए) पर ऋण वितरण किए जाने की जानकारी प्राप्त हुई है। प्रगति भी बैंक शाखाओं से राज्य के वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के निरन्तर अनुसरण एवं राज्य स्तरीय बैकर्स कमेटी में लगातार चिन्ता व्यक्त करने के बाद प्राप्त की जा सकी है।
उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि केन्द्र सरकार की इस फ्लैगशिप योजना के क्रियान्वयन के प्रति राज्य के बैंकों में उत्साह का अभाव है। अत: आपसे अनुरोध है कि यथोचित हस्तक्षेप कर प्रक्रिया में सरलीकरण हेतु संबंधितों को निर्देश देने का कष्ट करें ताकि नए वित्तीय वर्ष में छत्तीसगढ़ राज्य में स्टैण्डअप इंडिया का लक्ष्य प्राप्त हो सके एवं राज्य के अनुसूचित जाति एवं जनजाति तथा महिला वर्ग के नवोदित उद्योग प्रारंभ करने के लिए प्रोत्साहित हो।

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