छत्तीसगढ़

बस्तर में कड़ी सुरक्षा के बीच कल होगा मतदान

1879 मतदान केंद्र बनाए गए , 294 मतदान केंद्र बदले गए नक्सल क्षेत्र में फोर्स कम, घटना के बाद अतिरिक्त बल की मांग

रायपुर/ जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में पहले चरण में शामिल बस्तर लोकसभा सीट में कल गुरूवार को मतदान कराया जाएगा। निर्वाचन आयोग के कार्यक्रम के अनुसार पहले चरण का मतदान 11 अप्रैल को होना है। मतदान से पहले प्रशासनिक स्तर सभी तैयारियां पूरी हो गईं हैं। मतदान दल भेजे जा रहे हैं। इस बार फोर्स कम है और नक्सलियों ने पहले की तरह ही चुनाव बहिष्कार किया है।
बस्तर में 14 लाख 71 हजार 127 मतदाता अपने सांसद चुनेंगे। 1879 मतदान केंद्रों में मतदान होगा यहां पर 294 अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों का स्थान बदला है। बस्तर संसदीय क्षेत्र छह जिलों में फैला हुआ है। लोकसभा चुनाव के लिए यहां 1879 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें 71 फीसदी अर्थात 1332 मतदान केंद्र नक्सल प्रभावित बताए गए हैं। इनमें भी करीब 43 फीसद मतदान केंद्र नक्सल प्रभाव के लिहाज से अतिसंवेदनशील की श्रेणी में रखे गए हैं। बस्तर संसदीय क्षेत्र में अति संवेदनशील मतदान केंद्रों से हटकर भी 534 मतदान केंद्र नक्सल प्रभावित संवेदनशील हैं। इसके अलावा 232 मतदान केंद्र संवेदनशील माने गए हैं। सामान्य मतदान केंद्रों की संख्या 314 है।
लोकसभा के पहले चरण में बस्तर संसदीय क्षेत्र में 11 अप्रैल को होने वाले चुनाव के लिए मंगलवार को 274 मतदान दलों का सड़क और हवाई मार्ग से मतदान केन्द्रों के लिए रवाना किया गया। बस्तर से 132, नारायणपुर से 19, कोंडागांव से 105, सुकमा से 18 दल रवाना किए गए। सोमवार को संसदीय क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों के लिए 112 मतदान दल भेजे गए थे। मतदान के एक दिन पहले बुधवार को बचे हुए 1492 मतदान दलों की रवानगी की गई। बस्तर जिले में आने वाले बस्तर, जगदलपुर, चित्रकोट और नारायणपुर के मतदान दलों को रवाना किया जा रहा है। इनमें अति संवेदनशील क्षेत्र कालेंग के चार मतदान दलों को आज हेलीकॉप्टर से रवाना किया गया। कोलेंग, कांदानार, छिंदगुर और मुण्डागढ़ के मतदान दल के 18 सदस्यों को जगदलपुर एयरपोर्ट से हेलीकॉप्टर द्वारा रवाना किया गया। ये दल मंगलवार रात कोलेंग स्थित सुरक्षा कैम्प में रहेंगे और इन्हें बुधवार को नियत मतदान केन्द्रों में पहुंचाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि नक्सल प्रभावित बस्तर संसदीय क्षेत्र में अलग-अगल विधानसभा क्षेत्रों में मतदान के लिए अलग-अलग समय का निर्धारण किया गया है। इसके तहत कोंडागांव, बस्तर, जगदलपुर और चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र में सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक मतदान किया जाएगा, वहीं नारायणपुर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और कोंटा विधानसभा क्षेत्रों में सुबह सात बजे से दोपहर तीन बजे तक मतदान किया जाएगा।
14 लाख से अधिक मतदाता कर सकेंगे मतदान
संसदीय क्षेत्र के 1879 मतदान केन्द्रों में 14 लाख 71 हजार 873 पंजीकृत मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। मतदान के लिए पोलिंग बूथ में मतदाता को वोटर आईडी कार्ड या पासपोर्ट या ड्राइविंग लायसेंस या पेन कार्ड या आधार कार्ड सहित 11 परिचय पत्रों को मान्यता प्रदान की गई है। बिना परिचय पत्र के वोट डालने का अधिकार नहीं रहेगा।
ये हैं प्रत्याशी
कांग्रेस से दीपक बैज, भाजपा से बैदूराम कश्यप, सीपीआई से रामूराम मौर्य, बसपा से आयतूराम मंडावी, अम्बेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया से पनीश प्रसाद नाग, शिवसेना से सुरेश कवासी, अभा समग्र क्रांति पार्टी से मंगलराम कर्मा शामिल हैं। भाजपा ने जहां पूर्व विधायक बैदूराम कश्यप पर दांव खेला है। इधर कांग्रेस ने भी विधायक दीपक बैज को उतारा है। बैदूराम की इलाके में अच्छी पकड़ है। वहीं युवा नेता दीपक बैज की भी अच्छी छवि रही है। ऐसे में दोनों प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है। ऐसे में भाजपा-कांग्रेस के केडर वोट माइने रखेंगे। एकमात्र दंतेवाड़ा सीट पर ही कांग्रेस के विधायक हैं।
नक्सली घटना के बाद चुनाव आयोग ने मांगी रिपोर्ट
दंतेवाड़ा क्षेत्र में नक्सली हमले और इसमें भाजपा विधायक भीमा मंडावी समेत चार जवानों के शहीद होने के बाद केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुब्रत साहू से रिपोर्ट मंगाई है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने चुनाव तैयारी और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर रिपोर्ट तलब की गई है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में 11 अप्रैल को होने वाले प्रथम चरण के मतदान में कोई फेरबदल नहीं किया गया है। सूत्रों के मुताबिक 11 अप्रैल को ही बस्तर में पहले चरण का मतदान होगा। निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि बस्तर में नक्सल हिंसा के बीच लोकतंत्र नहीं झुकेगा और तय तिथि को भी यहां मतदान कराया जाएगा। यहां सुरक्षा व्यवस्था की फिर से समीक्षा होगी। शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न् कराने के लिए बस्तर में अतिरिक्त सुरक्षा बल भी लगाया गया है।
सुरक्षा व्यवस्था के लिए इस बार 350 कंपनियां तैनात
मतदान के लिए चुनाव आयोग लोगों को जागरूक कर रहा है। जिसे बोट पंडुम का नाम दिया गया है। लोगों से कहा जा रहा है कि वे मतदान जरूर करें, लेकिन बस्तर के ही 294 ऐसे अतिसंवेदनशील केंद्र हैं जिन्हें शिफ्ट कर दिया गया है। सुरक्षा के लिए पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती की गई है। हालांकि इस बार अपेक्षाकृत कम फोर्स बस्तर में आई हैं। ऐसे में सुरक्षित मतदान के लिए केंद्रों को शिफ्ट किया है। मतदान के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए इस बार 350 कंपनियां आई हैं, जबकि विधानसभा चुनाव में 500 कंपनियों की तैनाती बस्तर में की गई थी। चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न करवाने के लिए पांच सौ अतिरिक्त कपंनियों की जरूरत रहती है लेकिन पूरे देश में एक साथ चुनाव होने के कारण इतनी कंपनियां नहीं मिल पाई। अभी अफसर बस्तर में पहले से ही तैनात 50 हजार जवानों और अतिरिक्त बल के भरोसे ही चुनाव संपन्न करवा रहे हैं। यही कारण है कि इस बार लोकसभा चुनाव में इतनी संख्या में बूथों को शिफ्ट किया जा रहा है।
चुनाव कार्य में लापरवाही, तीन कर्मचारी निलंबित
बीजापुर जिले में लोकसभा चुनाव कार्य में लापरवाही के आरोप में तीन सरकारी कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक निलंबित होने वाले कर्मचारियों में एक लिपिक सहित दो शिक्षक शामिल है। सूूत्रों के मुताबिक इलमिडी, सहायक शिक्षक, विद्या सागर स्कूल, कृष्णकुमार पांडेय, कौसालनार और लिपिक कृष्णकुमार पर चुनाव कार्य में लापरवाही बरतने पर जिला निर्वाचन अधिकारी ने तत्काल प्रभाव से निलंबित किया।

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