छत्तीसगढ़

भाजपा विधायक भीमा मंडावी और शहीद जवानों को सीएम बघेल ने दी श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू द्वारा श्रद्धांजलि दी गई, गृहग्राम में होगा अंतिम संस्कार

रायपुर/दंतेवाड़ा. छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में मंगलवार शाम हुए नक्सली हमले के बाद प्रदेश में शोक की लहर है। हमले में मारे गए विधायक भीमा मंडावी के अंतिम दर्शन के लिए लोग उमड़ पड़े हैं। दंतेवाड़ा में उनके घर से लेकर भाजपा कार्यालय तक लोगों को हुजूम उमड़ा पड़ा। भीमा मंडावी का पार्थिव शरीर ग्राम गदापाल के लिए रवाना किया गया। शव वाहन के साथ बड़ी संख्या में वाहन, बाइक और पैदल निकले भीमा के समर्थकों ने शव यात्रा को जगह जगह रोककर लोग श्रंद्धाजलि दिया।
दंतेवाड़ा पुलिस लाइन में बुधवार सुबह विधायक भीमा मंडावी को और हमले में शहीद जवानों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू द्वारा श्रद्धांजलि दी गई। इसके पश्चात भीमा मंडावी के शव को दंतेवाड़ा के भाजपा कार्यालय में ले जाया गया। दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी का पार्थिव शरीर जिला भाजपा कार्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। भाजपा विधायक भीमा मंडावी की पार्थिव देह अंतिम दर्शन के लिए करीब 10 बजे तक रखी गई। विधायक का शव बुधवार सुबह करीब 8 बजे भाजपा कार्यालय लाया गया। कार्यालय में सैंकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता, समर्थक और प्रसंशक पहुंचे हैं।
कलेक्टर के आदेश पर मंगलवार रात ही मृत विधायक भीमा मंडावी का पोस्टमार्टम कराने के बाद शव उनके परिजनों को सौंप दिया गया। इसके बाद परिजन शव लेकर गांव चले गए। सुबह मंडावी के शव को भाजपा कार्यालय से पुलिस लाइन में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। पुलिस लाइन में ही विधायक के साथ ही शहीद जवानों को भी श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद सभी के शव उनके अंतिम संस्कार के लिए पैतृक गांव भेजे जाएंगे। विधायक मंडावी का भी अंतिम संस्कार उनके गृहग्राम गदापाल में होगा। भाजपा प्रदेश प्रभारी अनिल जैन, डॉ. रमन सिंह के साथ पार्टी के कई नेता भीमा मंडावी के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। विधायक भीमा मंडावी का अंतिम संस्कार दंतेवाड़ा से करीब 25 किलोमीटर दूर उनके गृहग्राम गदापाल में होगा। भाजपा कार्यालय में जनदर्शन के बाद उनके पार्थिव शरीर को उनके गृहग्राम ले जाया गया जहां पर अंतिम संस्कार किया गया। वहां से पुलिस लाइन में श्रद्धांजलि कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल वहीं उच्चाधिकारियों की बैठक करेंगे। जिसमें नक्सली हमले, सुरक्षा और चुनाव को लेकर चर्चा होगी।

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