स्काई योजना की सीएजी ने शुरू की जांच, रिपोर्ट आने के बाद वापस लौटाए जाएंगे बचे मोबाइल
रायपुर। रमन सरकार की चर्चित स्काई योजना की सीएजी ने जांच शुरू कर दी है। बताया गया कि जांच पूरी होने के बाद बाकी मोबाइल को लौटाने की कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में चर्चित स्काई योजना की सीएजी से जांच कराने की घोषणा की थी। इसके बाद प्रकरण सीएजी को भेज दिया गया है। विभागीय अफसरों के मुताबिक योजना की सीएजी ने पड़ताल शुरू कर दी है। बताया गया कि मोबाइल कनेक्टीविटी और जेंडर सशक्तिकरण को मजबूत करने के लिए योजना शुरू की गई थी।
सरकार बदलने के बाद इस योजना में भारी अनियमितता की शिकायत पर बंद कर दिया गया। वित्त आयोग के सवा 6 सौ करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई गई, लेकिन इसके विरोध के बाद 15 फरवरी 2018 को 14वें वित्त आयोग की राशि के उपयोग किए जाने के आदेश निरस्त किए गए। कुल मिलाकर 29 लाख 14 हजार से अधिक मोबाइल का वितरण हो चुका था।
बाकी करीब सवा 9 लाख मोबाइल का वितरण होना बाकी है। कई जगह टावर नहीं लगे थे और मोबाइल का वितरण कर दिया गया। इस पूरी योजना में भारी कमीशन खोरी का आरोप लगा था। यह भी कहा गया कि सिर्फ कमीशन के लिए ही इस योजना को शुरू किया गया था। रमन सरकार के कई मंत्री भी इस योजना को लेकर असहमत रहे हैं। बताया गया कि करीब साढ़े 8 सौ करोड़ का बिल कंपनी ने दिया था और पौने दो सौ करोड़ का भुगतान किया गया। बाकी राशि का भुगतान नहीं हो पाया है। बताया गया कि बचे मोबाइल गोदाम में रखे हैं। पहले इसको कंपनी को लौटाने की तैयारी थी, लेकिन अब जांच-प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही वापस किया जाएगा।