छत्तीसगढ़

नलकूप के खनन पर लगा प्रतिबंध: आवश्यक होने पर लेनी होगी अनुमति

कलेक्टर ने रायपुर जिला को 30 जून तक जलाभाव ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया

रायपुर,। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी डाॅ. बसवराजु एस. ने जिले में आगामी ग्रीष्म ऋतु में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु छत्तीसगढ़ पेयजल परीक्षण अधिनियम 1986 (क्रमांक 3) 1987 की धारा 03 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए रायपुर जिले को आगामी 30 जून तक जलाभाव ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है।
उक्त अधिनियम की धारा 06 के अंतर्गत जिले में उक्त दर्शित अवधि में सक्षम अधिकारी की पूर्वानुमति के बिना कोई नया नलकूप पेयजल अथवा पेयजल के अलावा किसी अन्य प्रयोजन के लिए खनन नही किया जा सकेगा लेकिन शासकीय, अर्धशासकीय, नगरीय निकायों को पेयजल हेतु अपने क्षेत्राधिकार सीमा के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में नलकूप खनन हेतु अनुमति की आवयश्यकता नही होगी, परन्तु निर्धारित नियमों का पालन व सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने जन सुविधा को ध्यान में रखते हुए उक्त अधिनियम की धारा 06 के अंतर्गत नलकूप खनन हेतु अनुमति प्रदान करने रायपुर नगर निगम सीमा के तहत आने वाले क्षेत्र के लिए अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी रायपुर, राजस्व अनुविभाग रायपुर के तहत आने वाले क्षेत्र के लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व रायपुर, राजस्व अनुविभाग आरंग के तहत आने वाले क्षेत्र के लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व आरंग और राजस्व अनुविभाग अभनपुर के लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अभनुपर को नियुक्त किया है। कलेक्टर ने कहा कि प्राधिकृत अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में छत्तीसगढ़ पेयजल परीक्षण अधिनियमों में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार नलकूप खनन आवश्यक होने पर अनुमति प्रदान करने की कार्यवाही करेंगे। बोरवेल खनन अथवा बोरवेल मरम्मत का कार्य पंजीकृत बोरवेल एजेंसी द्वारा ही किया जाएगा। कोई भी व्यक्ति या एजेंसी द्वारा उक्त अधिनियम के उल्लघंन मे नलकूप खनन करना पाया जाता है तो उसके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिये है।

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