रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर स्काईवॉक की उपयोगिता की जांच शुरू हो गई। पीडब्ल्यूडी की टीम कैमरा, वीडियो के साथ वहां पहुंच कर दोपहर 12 बजे से दोपहर 2 बजे तक पैदल आने-जाने वालों की तस्वीर लेते हुए उनकी वीडियो रिकॉर्डिंग कर रही है। इसके बाद सरकार फैसला लेगी, कि स्काईवॉक का निर्माण आगे जारी रखना है, तोडऩा है या उसका कोई दूसरा उपयोग करना है।
रमन सरकार में शहर के बीचों-बीच करीब 50 करोड़ की लागत से स्काईवॉक का निर्माण शुरू कराया गया था, लेकिन प्रदेश में सरकार बदलने पर पिछली सरकार का यह काम बंद करा दिया गया। उस समय अलग-अलग नेताओं और सामाजिक-कारोबारी संगठनों की ओर से उसकी उपयोगिता पर अलग-अलग बयान दिए गए। ऐसे में राज्य सरकार उसके निर्माण पर लोगों से चर्चा करने की बात कही थी, ताकि जनता का पैसा बेकार न जाए।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने स्काईवॉक निर्माण फिर से शुरू करने के पहले उसकी उपयोगिता पर सवाल खड़ा करते हुए पीडब्ल्यूडी से जांच कर रिपोर्ट मांगी है। उनके निर्देश पर पीडब्ल्यूडी की टीम अब मौके पर पहुंच कर उसकी उपयोगिता को बारीकी से देखने में जुटी है। वीडियो, कैमरा के साथ वहां पैदल आने-जाने वालों की जानकारी एकजुट कर रही है। खासकर दोपहर के दो घंटे में कितने लोग पैदल चलकर आ-जा रहे हैं, इसकी जानकारी जुटायी जा रही है। इसी के आधार पर स्काईवॉक निर्माण पर निर्णय लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि स्काईवॉक निर्माण में पूर्व मुुख्यमंत्री रमनसिंह और पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री राजेश मूणत ने विशेष रुचि दिखाई थी। इतना ही नहीं उनके प्रयास से स्काईवॉक का यह काम करीब 60 फीसदी पूरा हो गया था, लेकिन उनकी सरकार बदल गई और काम बंद हो गया।